मुंबई: पीएम नरेंद्र मोदी के दिया जलाओ कार्यक्रम को लेकर महाराष्ट्र में सियासत शुरू हो गई है. राज्य के बिजली मंत्री नितिन राऊत ने कहा है कि इस तरह का आयोजन करने से पावर ग्रिड बैठ जायेगा और बिजली आपूर्ति की समस्या खड़ी हो जायेगी. कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के नेताओं ने भी इस आयोजन के प्रति अपनी नाराजगी जताई है.
शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने अपील की कि 5 अप्रैल यानी कि रविवार की रात 9 बजे देशभर के लोग 9 मिनट के लिये अपने घरों की बत्तियां बंद कर दें और उसके बदले में दिये या फिर मोमबत्ती जलाएं. उनके इस बयान से महाराष्ट्र में सियासी बवाल मच गया है. खासकर गैर बीजेपी पार्टियों मोदी के इस एलान का विरोध कर रहीं हैं.
ग्रिड हो सकती है बंद
महाराष्ट्र के बिजली मंत्री नितिन राऊत ने कहा है कि अगर इतने सारे लोग एक साथ बिजली का इस्तेमाल बंद कर देंगे तो पावर ग्रिड पर से लोड कम हो जायेगा. नतीजतन ग्रिड बंद हो जायेगा जिससे कि बिजली की आपूर्ति ठप हो जायेगी. राऊत के मुताबिक इसका असर दूसरे राज्यों पर भी पड़ेगा. बिजली आपूर्ति फिर से शुरू करने के लिये कई घंटों का वक्त लग सकता है.
बिजली की मांग में आई है कमी
राऊत का कहना है कि लॉकडाऊन की वजह से फैक्ट्रियां बंद हैं और पहले से ही बिजली की मांग में कमी आई है. राज्य में बिजली की खपत 23 हजार मेगावाट से घटकर 13 हजार मेगावाट हो गई है. राऊत के मुताबिक सभी ने अगर अचानक बिजली बंद कर दी तो ग्रिड में ट्रिप हो सकता है और कई राज्यों में बिजली आपूर्ति ठप हो सकती है. आपूर्ति फिर से शुरू करने में 12 से 16 घंटों का वक्त लग सकता है.
शिवसेना के सांसद संजय राऊत ने पीएम के एलान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पिछली बार जब पीएम ने ताली बजाने कहा था तब लोगों ने सडकों पर भीड़ लगाकर ढोल बजाये थे. उम्मीद है कि इस बार वे अपने घरों को नहीं जला डालेंगे. उन्होने कहा कि लोग दिया तो जला लेंगे लेकिन हालात पर काबू पाने के लिये सरकार क्या कर रही है ये बताया जाये.
मोदी हर चीज को इवेंट बनना चाहते हैं- जीतेंद्र आव्हाड़
एनसीपी के नेता और महाराष्ट्र के गृहनिर्माण मंत्री जीतेंद्र आव्हाड़ ने पीएम के एलान की निंदा की और कहा कि वे हर चीज को एक ईवेंट बनाना चाहते हैं. आव्हाड़ ने कहा कि जो कुछ करने को कहा जा रहा है वो बचपना है और मूर्खता है. उन्होने एलान किया कि वे अपने घर की कोई बत्ती बंद नहीं करेंगे और ना ही एक भी मोमबत्ती जलायेंगे.
राज ठाकरे ने भी मोदी के बयान पर अपनी नाखुशी जताते हुए कहा कि लोग पीएम के कहने पर मोमबत्ती तो जला लेंगें लेकिन उनके भाषण से कोई उम्मीद मिलनी चाहिये थी. देश की अर्थ व्यवस्था के सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया है.
कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि मोदी जब भी भाषण देने आते हैं कोई नया जुमला दे जाते हैं. उन्होने कहा कि ये बदनसीबी है कि इतनी गंभीर स्तिथि में भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के बजाये मोदी एक तरफा संवाद कर रहे हैं.
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