अग्निवीर को 'गार्ड ऑफ ऑनर' न देने पर मचा सियासी बवाल, जानें इस बारे में भारतीय सेना का जवाब
Agniveer Amritpal Singh Death: अग्निवीर अमृतपाल सिंह के बिना सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार को लेकर सियासी बवाल मच गया. राघव चड्ढा सहित कई नेताओं ने अग्निवीर योजना पर सवाल उठाए हैं.
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Agniveer Amritpal Singh Death: सेना ने शनिवार (14 अक्टूबर) को कहा कि जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास एक अग्निवीर ने खुद को गोली मार ली, जिससे उसकी मौत हो गई, क्योंकि जवान ने खुद को गोली मारी थी इसलिए सेना ने अंतिम संस्कार के दौरान उन्हें सलामी नहीं दी. इसको लेकर अब सियासी बवाल हो गया है. दरअसल, मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता राघव चड्ढा ने रविवार (15 अक्टूबर) को बीजेपी पर निशाना साधा.
उन्होंने कहा कि जब जवान का पार्थिव शरीर लाया गया तो सेना की यूनिट उनके साथ नहीं थी. पंजाब में अमृतपाल के गांव में जब उनका पार्थिव शरीर लाया गया तो उन्हें सैन्य सम्मान नहीं मिला. इतना ही नहीं अग्निवीर योजना के चलते न उन्हें कोई पेंशन दी जाएगी, न ही कोई शहीद का दर्जा दिया गया.
केंद्र पर भड़कीं हरसिमरत कौर
इससे पहले मामले में शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने एक्स पर कहा, "यह जानकर हैरान हूं कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए अग्निवीर अमृतपाल सिंह का सेना के गार्ड ऑफ ऑनर के बिना अंतिम संस्कार किया गया. यहां तक कि उनके परिवार की ओर से एक निजी एम्बुलेंस में उनके पार्थिव शरीर को मानसा में उनके पैतृक गांव लाया गया."
उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अमृतपाल अग्निवीर था. हमें अपने सभी सैनिकों को उचित सम्मान देना चाहिए. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से अनुरोध है कि सभी शहीद सैनिकों को सैन्य सम्मान देने के निर्देश जारी करें.
Shocked to learn that Agniveer Amritpal Singh, who was martyred in the line of duty in Poonch in J & K was cremated without an Army guard of honour & even his body was brought to his native village in Mansa in a private ambulance by his family! It is learnt that this happened… pic.twitter.com/j83czasAsp
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) October 14, 2023
बिक्रम मजीठिया ने की निंदा
इसके अलावा शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता बिक्रम मजीठिया ने भी अमृतपाल को गार्ड ऑफ ऑनर न देने के फैसले की निंदा की. उन्होंने कहा कि अमृतपाल को गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित नहीं किया गया और शव को घर वापस लाने के लिए एम्बुलेंस तक नही दी गई. उन्होंने अग्निवीर योजना और इसके तहत भर्ती किए गए सभी सैनिकों की सेवाओं को नियमित करने की मांग की.
अग्निवीर ने ड्यूटी के दौरान खुद को मारी गोली- सेना
बता दें कि हाल में सेना में शामिल हुए अग्निवीर अमृतपाल सिंह 11 अक्टूबर को एक अग्रिम चौकी पर मृत पाए गए थे. उनके शरीर पर गोली का जख्म था. सेना की जम्मू स्थित व्हाइट नाइट कमान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में अग्निवीर अमृतपाल सिंह की राजौरी सेक्टर में संतरी ड्यूटी के दौरान खुद को मारी गई गोली से मौत हो गई. अधिक जानकारी का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी जारी है."
इसमें कहा गया है कि सिंह के पार्थिव शरीर को एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) और चार अन्य रैंक के जवान के साथ एक एम्बुलेंस में उनके गृह नगर ले जाया गया. इसने कहा कि सेना के जवान भी सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल हुए.
सेना ने कहा कि मौत का कारण खुद को पहुंचाई गई चोट पाए जाने के मद्देनजर मौजूदा नीति के अनुसार उन्हें कोई सलामी नहीं दी गई या सैन्य अंत्येष्टि नहीं की गई. सेना ने पोस्ट में कहा, "भारतीय सेना शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती है."
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