पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुई हिंसा पर राजनीति जारी है. ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ विपक्ष मोर्चा खोला हुआ है. कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी गुरुवार को बीरभूम जा रहे थे, लेकिन उन्हें बोलेपुर में रोक दिया गया, जिसके बाद वह धरने पर बैठ गए.


पुलिस के जवानों और अधीर रंजन के बीच झड़प भी हुई. पुलिस का कहना है मुख्यमंत्री की सुरक्षा अहम है, ऐसे में अधीर रंजन बाद में बीरभूम का दौरा करें. बता दें कि ममता बनर्जी को भी बीरभूम जाना है, जिसका एलान उन्होंने कल ही कर दिया था. मुख्यमंत्री ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि उन्हें जिले का अपना दौरा एक दिन के लिए स्थगित करना पड़ा क्योंकि अन्य राजनीतिक दल पहले से ही वहां जुटे हुए हैं. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी के नेता घटनास्थल पर जाते समय 'लंगचा' (पड़ोसी बर्दवान जिले के शक्तिगढ़ क्षेत्र में बनने वाली मिठाई) का स्वाद लेने के लिए रुक गए.


वहीं, हिंसा की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर यूथ कांग्रेस के बंगाल प्रभारी अमरिश रंजन पांडे ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को अर्जी दी है. उधर, तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय आज दोपहर 1 बजे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे. 


बता दें कि बीरभूम के रामपुरहाट के बोगतुई गांव में मंगलवार को करीब एक दर्जन मकानों में कथित तौर पर आग लगा दिए जाने से दो बच्चों समेत कुल आठ लोगों की मौत हो गई. यह घटना सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता भादू शेख की कथित हत्या के कुछ घंटों के बाद हुई. बीजेपी ने इस हिंसा के लिए राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस समर्थित ‘‘गुंडों’’ को जिम्मेदार ठहराया. 


घटना के बाद राज्य में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. बुधवार को बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने घटनास्थल का दौरा किया. विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि यह बहुत दुखद घटना है. मामले में CBI और NIA की जांच होनी चाहिए. राष्ट्रपति शासन ही एकमात्र समाधान है, पश्चिम बंगाल को बचाने का. मामले में केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए. मुख्यमंत्री सिर्फ़ अपनी सरकार को बचा रहीं हैं.


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