Opposition on Fuel Prices: पेट्रोल पर VAT को लेकर सियासी घमासान, जानें कांग्रेस-TMC से लेकर शिवसेना तक किसने दिया क्या बयान
Fuel Prices: राहुल गांधी केंद्र पर हमलावर नजर आए तो पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 3 सालों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में सब्सिडी के लिए 1500 करोड़ रुपये खर्च किए.
Politics on High Fuel Prices: देश में आसमान छूती पेट्रोल डीजल की कीमतों और VAT को लेकर सियासी घमासान जारी है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेताओं ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं. राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि ईंधन की कीमतों में बढ़ोत्तरी से लेकर कोयले की कमी और ऑक्सीजन की कमी को लेकर राज्यों को दोषी ठहराया जाता है. प्रधानमंत्री जिम्मेदारी से बचते हैं जो बिल्कुल गलत है.
वहीं टीएमसी, शिवसेना समेत कई दूसरे दलों के नेताओं ने इस मसले पर केंद्र को घेरा है. दरअसल बुधवार को बैठक में पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों से आम आदमी की मदद के लिए पेट्रोल डीजल पर वैट (VAT) को कम करने का आग्रह किया था जिसके बाद विपक्ष का पारा हाई है.
राहुल गांधी का केंद्र पर तंज
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, ''तेल की ऊंची कीमतों के लिए राज्य दोषी, कोयले की कमी है तो भी दोषी राज्य, ऑक्सीजन की कमी है तो भी इसके लिए राज्य दोषी. सभी फ्यूल टैक्स का 68 फीसदी केंद्र द्वारा लिया जाता है. फिर भी, पीएम जिम्मेदारी से बचते हैं. मोदी का संघवाद सहयोगी नहीं है. यह जबरदस्ती है.''
High Fuel prices - blame states
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 28, 2022
Coal shortage - blame states
Oxygen shortage - blame states
68% of all fuel taxes are taken by the centre. Yet, the PM abdicates responsibility.
Modi’s Federalism is not cooperative. It’s coercive.
ममता बनर्जी हुईं केद्र सरकार पर हमलावर
उधर, पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी प्रमुख मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, "हमारी सरकार ने पिछले 3 सालों में पेट्रोल डीजल की कीमतों में सब्सिडी के लिए 1500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने पूरी तरह से एकतरफा और भ्रामक भाषण दिया है. उनके द्वारा साझा किए गए तथ्य गलत थे. हम पिछले तीन सालों से हर लीटर पेट्रोल डीजल पर 1 रुपये की सब्सिडी दे कर रहे हैं. हमारा केंद्र के पास 97,000 करोड़ रुपये का बकाया है. जिस दिन हमें आधी राशि मिलेगी, अगले दिन हम 3,000 करोड़ पेट्रोल और डीजल सब्सिडी देंगे. मुझे सब्सिडी से कोई समस्या नहीं है लेकिन मैं अपनी सरकार कैसे चलाऊंगा?"
It is our promise that if the Central Government clears our dues, Government of West Bengal will exempt all taxes from Petrol & Diesel for the next 5 years!
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) April 27, 2022
₹97,807.91 Cr is due. @narendramodi ji, let's see if you can deliver.
संजय राउत और के चंद्रशेखर राव का पीएम पर हमला
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर केंद्र सरकार का घेराव किया है. उन्होंने सवाल के लहजे में पूछा कि प्रधानमंत्री (केंद्र सरकार) आप पेट्रोल- डीजल की रेट बढ़ाते है, और राज्यों से इसके दाम कम करने को कह रहे है. ये क्या हो रहा है? वही शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि पीएम ने कोरोना को लेकर मीटिंग बुलाई थी, अचानक ट्रैक चेंज हो गया, गैर बीजेपी शासित राज्यों के लिए पीएम का अलग रवैया है, बीजेपी शासित राज्यों के लिए अलग है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने आज कहा कि प्रधानमंत्री को राज्यों से करों में कटौती करने के लिए कहने में शर्म महसूस करनी चाहिए. उनके राज्य में 2015 के बाद से फ्यूल टैक्स में कोई इजाफा नहीं हुआ है.
उधर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि पेट्रोल सस्ता हो जाएगा अगर राज्य इंपोर्टड शराब की जगह पेट्रोल पर टैक्स कम कर दें. गौरतलब है कि कोविड-19 पर एक बैठक के दौरान कई विपक्षी शासित राज्यों में पेट्रोल-डीजल की ऊंची कीमतों को चिह्नित करते हुए पीएम मोदी ने इसे "अन्याय" कहा था और मुख्यमंत्रियों से आम आदमी को राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल पर वैट (मूल्य वर्धित कर) को कम करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि नवंबर में उनकी सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में कटौती करने के बाद कई राज्य वैट को कम करने के केंद्र की अपील पर सहमत नहीं हुए थे.
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