आजमगढ़ः उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के तरवां थाना क्षेत्र के बांसगांव में अनुसूचित जाति के प्रधान की हत्या को लेकर राजनीति गरमा गई है. गुरुवार सुबह से कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को ही अभी पुलिस-प्रशासन ढंग से शांत नहीं करा पाया था कि अब आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर रावण भी जनपद की सीमा पर पहुंच गए हैं. जब उन्हें रोका गया तो वह समर्थकों के साथ वहीं धरने पर बैठ गए.
इस बीच मौके पर पहुंचे एसडीएम और सीओ ने कई बार उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं उठे. एसडीएम और सीओ ने कई बार उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वो धरने से उठने के लिए तैयार नहीं थे.
धरने पर बैठे चंद्रशेखर
चंद्रशेखर रावण ने कहा 'यहां हमें आइना दिखाया गया है. प्रधान की हत्या कर परिवार वालों से कहा गया कि जाओ देखो हमने हत्या कर दी है. मैं अपने परिवार से मिलने जाना चाहता हूं. बिना मिले नहीं जाउंगा. मैं इस समाज से हूं.'
चन्द्रशेखर ने कहा कि "चाहे जितने दिन लगे बिना मिले नहीं जाऊंगा. बैठ गया तो बैठ गया हूं. वजनदार आदमी बैठ जाता है तो फिर अधिकारों के साथ उठता है. प्रशासन को हमें परिवार से मिलने देना चाहिए. जब तक इसको राष्ट्रीय पटल पर नहीं उठाएंगे, नहीं जाएंगे."
कांग्रेस नेताओं को किया गया था नजरबंद
गुरुवार सुबह कांग्रेस नेताओं ने गांव जाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें सर्किट हाउस में नजरबंद कर दिया. शाम के चार बजे तक कांग्रेस नेताओं को जनपद से बाहर रवाना किया, जिसके बाद तीन बजे अतरौलिया बार्डर पर भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर पहुंच गए. समर्थकों के साथ जनपद की सीमा पर आने की सूचना से प्रशासन के हाथ पांव फूल गए. अंबेडकर नगर में एक दलित लड़की के दुष्कर्म की घटना के संबंध में परिजनों से मिलने के बाद वह आजमगढ़ पहुंचे थे. रोके जाने पर लंबे-चौड़े काफिले के साथ वहीं बीच सड़क पर धरने पर बैठ गए.
धारा-144 बताई गई वजह
एसपी ग्रामीण सिद्धार्थ, एसडीएम दिनेश कुमार मिश्र और सीओ ने उनकी डीएम से बात कराई. धारा-144 का हवाला दिया गया. इसके बाद भी समर्थक टस से मस नहीं हुए. आजाद ने एक दो समर्थकों के साथ वहां जाने की बात कही इसके बावजूद प्रशासन ने नहीं जाने दिया. वहीं मौके पर एसपी ग्रामीण कई थानों की फोर्स पीएसी के साथ तैनात रही.
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