Unnao में दलित युवती की हत्या पर गरमाई राजनीति, पीड़ित परिवार से मिलने पहुंची Mayawati, सपा को घेरा
Unnao Dalit Girl Murder Case: उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, 'बीएसपी की यह मांग है कि उन्नाव पुलिस अगर पीड़ित परिवार की शिकायत का समय से संज्ञान ले लेती तो यह घटना नहीं होती.'
Unnao News: उन्नाव में 8 दिसंबर को लापता हुई युवती का शव मिलने से हड़कंप मच गया. कथित हत्या का मामला पिछले कुछ दिनों से विवादों में है. इस बीच कल यानी रविवार को पीड़ित परिवार से मिलने बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती उन्नाव पहुंची. उन्होंने पीड़िता के परिवार से मुलाकात कर परिजनों को भरोसा दिलाया कि संकट के इस घड़ी में पार्टी उनके साथ है.
बता दें कि सोमवार यानी आज उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से इस मुलाकात की जानकारी दी. उन्होंने परिवार के साथ तस्वीर साझा करते हुए कहा, ''उन्नाव में दलित युवा लड़की का अपहरण कर उसकी हत्या के मामले में पीड़ित परिवार के लोग समुचित न्याय की तलाश में कल रात लखनऊ आकर मुझसे मिले और अपनी दुःख भरी कहानी सुनाई, जिससे स्पष्ट है कि सपा नेता के बेटे सहित लोकल पुलिस भी पूरी तरह से इसके लिए जिम्मेदार है.''
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, 'बीएसपी की यह मांग है कि उन्नाव पुलिस अगर पीड़ित परिवार की शिकायत का समय से संज्ञान ले लेती तो यह घटना नहीं होती. सरकार दोषी पुलिस वालों को बर्खास्त करे तथा उनके खिलाफ सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज करके उन्हें जेल भेजे. साथ ही गरीब पीड़ित परिवार की उचित कानूनी पैरवी की व्यवस्था करे.
2. उन्नाव पुलिस अगर पीड़ित परिवार की शिकायत का समय से संज्ञान ले लेती तो यह घटना नहीं होती। सरकार दोषी पुलिस वालों को बर्खास्त करे तथा उनके खिलाफ सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज करके उन्हें जेल भेजे। साथ ही गरीब पीड़ित परिवार की उचित कानूनी पैरवी की व्यवस्था करे, बीएसपी की यह माँग।
— Mayawati (@Mayawati) February 14, 2022
जानें क्या है पूरा मामला
उन्नाव के सदर कोतवाली क्षेत्र में रहने वाली एक दलित महिला की बेटी बीते 8 दिसंबर 2021 से लापता थी. बेटी के हायब होने पर माता पिता ने 9 दिसंबर को ही पूर्व मंत्री के बेटे रजोल सिंह के खिलाफ तहरीर देते हुए बेटी के अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया था. वहीं मामला में सपा के पूर्व राज्यमंत्री और कद्दावर नेता रहे फतेहबहादुर के बेटे का नाम होने के कारण पुलिस लगातार मामले में देरी कर रही थी.
बेटी लापता होने के बाद कोई ठोस कदम न उठाएं जाने और आरोपी राजोल सिंह के खुलेआम घूमने को लेकर पीड़िता की मां कई बार आला अधिकारियों से मिली लेकिन कार्रवाई के नाम पर सब कुछ शून्य रहा. कुम्भकर्णी नींद में सो रहे अधिकारियों से परेशान मां अफसरों के चौखट पर न्याय की गुहार लगाती रही लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी.
आत्मदाह की कोशिश की
अंत में जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो 24 जनवरी को लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की गाड़ी के आगे कूदकर पीड़ित की मां ने आत्मदाह की कोशिश की थी.
ये भी पढ़ें:
मोदी सरकार की 'Digital Strike', बैन किए सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाले 54 चीनी ऐप
UP Election 2022: CM योगी का दावा- अखिलेश यादव नहीं चाहते आजम खान जेल से बाहर आएं, बताई ये बड़ी वजह