मुंबई: केंद्र सरकार द्वारा 26 जनवरी को राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस परेड में पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र की झांकी को शामिल नहीं किया गया है. गैर बीजेपी राज्य होने से परेड में शामिल ना करने का आरोप लगाते हुए विपक्ष मोदी सरकार पर निशाना साध रहा है. तृणमूल कांग्रेस ने इसे पश्चिम बंगाल का अपमान बताया है तो महाराष्ट्र में एनसीपी ने इसे बीजेपी का अहंकार बताया है.


2020 में होने वाले गणतंत्र दिवस परेड में कुल 56 झांकियों के प्रस्ताव आए थे, जिनमें से 22 को चुना गया है. मंत्रालय को राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से झांकियों के 32 और केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों से 24 प्रस्ताव मिले थे. उनमें से राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 16 और मंत्रालयों/विभागों के छह प्रस्ताव अंतिम रूप से गणतंत्र दिवस परेड 2020 के लिए चुने गया है. इस सूची में पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र का नाम नहीं होने पर विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है. महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मालिक ने कहा, ''केंद्र सरकार का निर्णय गलत है, यह गणतंत्र है और इसे सरकार को समझना होगा. पिछली बार भी गैर बीजेपी राज्यो को नकारा गया था.''


शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट कर कहा, ''पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र की झांकी इस बार गणतंत्र दिवस पर नहीं दिखेगी, इसमे राजनैतिक षडयंत्र तो नहीं है. कांग्रेस के शाशन में अगर ऐसा हुआ होता तो बीजेपी वाले हंगामा करते, आज खामोस क्यों है? इससे पहले भी साल 2018 में बंगाल की झांकी को परेड में शामिल नहीं किया गया था.'' महाराष्ट्र की झांकी शामिल नहीं किए जाने से कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना भी नाराज़ है. सुप्रिया सुले ने कहा की केंद्र सरकार का रवैया पक्षपात पूर्ण है.


गणतंत्र परेड के लिए राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों से प्रस्ताव आमंत्रित किए जाते हैं. झांकियों का चयन एक विशेष समिति द्वारा किया जाता है. यह समिति प्रस्तावों पर विचार कर अपनी सिफारिशों को रक्षा मंत्रालय को सौंपती है. साल 2020 के गणतंत्र दिवस के मौके पर ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो समारोह के मुख्य अतिथि होंगे.