पश्चिम बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद सियासत तेज हो गई है. बीजेपी और टीएमसी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस बीच बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और बीजेपी के सीनियर नेता सुशील मोदी ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है.


मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के अन्य नेताओं के काफिले पर ममता बनर्जी की टीएमसी के गुंडों का हमला लोकतंत्र को लहूलुहान करने वाला है. अब बंगाल में राष्ट्रपति शासन जरूरी हो गया है.


टीएमसी केंद्र के धैर्य का इम्तिहान लेना बंद करे- सुशील मोदी


उन्होंने आगे कहा कि राज्य को निर्मम ममता दीदी ने जहां पहुंचा दिया है, वहां बिना राष्ट्रपति शासन के निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकते. टीएमसी केंद्र के धैर्य का इम्तिहान लेना बंद करे. राज्य में बीजेपी कार्यकर्ताओं से मारपीट, हमले और हत्या तक की घटनाओं पर राष्ट्रीय दलों के मौन से सूबे में सत्तापोषित राजनीतिक हिंसा को बढ़ावा मिला है.


इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, ‘‘बंगाल में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा जी के ऊपर हुआ हमला बहुत ही निंदनीय है, उसकी जितनी भी निंदा की जाए वो कम है. केंद्र सरकार इस हमले को पूरी गंभीरता से ले रही है. बंगाल सरकार को इस प्रायोजित हिंसा के लिए प्रदेश की शांतिप्रिय जनता को जवाब देना होगा.’’


वहीं नाराज जेपी नड्डा ने हमले को 'अभूतपूर्व' करार दिया और आरोप लगाया कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह चरमरा गई है और यह ‘‘गुंडा राज’’ में तब्दील हो गया है.


नड्डा पर कब हुआ हमला?


नड्डा के काफिले पर गुरुवार सुबह उस समय हमला हुआ जब वह पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में शामिल होने डायमंड हार्बर जा रहे थे. इस दौरान बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित कई नेता घायल हो गए. हालांकि, बुलेट प्रूफ कार में सवार नड्डा को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. डायमंड हार्बर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी करते हैं.


घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस के कथित कार्यकर्ताओं ने दक्षिण 24 परगना जिले में सिराकुल के पास सड़क को अवरुद्ध कर दिया. उनमें से कुछ के हाथों में लाठी-डंडे, लोहे की छड़ें और पत्थर थे. पुलिस ने जब उन्हें हटाने की कोशिश की तो वे भाजपा और मीडिया के खिलाफ नारे लगाते हुए पुलिस से झगड़ने लगे.


उन्होंने बताया कि जैसे ही वहां से काफिले ने गुजरने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारी वाहनों के साथ दौड़ने लगे और उनपर मुक्कों, लाठी-डंडों तथा लोहे की छड़ों से हमला कर शीशे तोड़ दिए. कुछ किलोमीटर दूर प्रदर्शनकारियों के एक और समूह ने सड़क को रोक दिया. वे काफिले की तरफ बढ़े और इसपर पथराव कर दिया.


विजयवर्गीय और पार्टी उपाध्यक्ष मुकुल रॉय के हाथ में चोट आई, जबकि रॉय के सुरक्षाकर्मी के सिर में पत्थर लगा. पुलिस ने आखिरकार प्रदर्शनकारियों को दौड़ाया और नड्डा बैठक स्थल पर पहुंचे.


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