एमपी में IIFA पर गरमाई सियासत, सरकार बता रही है जरूरी निवेश तो विपक्ष का फिजूलखर्ची का आरोप
इंडियन इंटरनेशनल फिल्म अवॉर्ड्स यानी आइफा पर सियासत गरमा गई है.कांग्रेस सरकार इसे भविष्य का निवेश कह रही है तो वहीं बीजेपी आईफा अवार्ड के आयोजन को फिजूलखर्ची बता रही है.
भोपाल: भारत में मुम्बई के अलावा पहली बार और आइफा के 20 आयोजनों में दूसरी बार भारत में आइफा का प्रोग्राम मध्यप्रदेश के बड़े शहर इंदौर और भोपाल में 28 और 29 मार्च को होने वाला है. इसके लिए प्रदेश सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. वहीं आइफा पर सियासत गरमा गई है. कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार इसे भविष्य का निवेश कह रही है तो वहीं बीजेपी आईफा अवार्ड के आयोजन को फिजूलखर्ची बता रही है.
शिवराज बोले प्रदेश के लोगों के लिए पैसे नहीं.आइफा के लिए हैं प्रदेश की कांग्रेस सरकार पहले ही कर्ज में डूबी है और अपने वचनपत्र की घोषणाओं को भी पूरा नहीं कर पा रही है. अब आईफा के आयोजन पर सवाल खड़े होने लगे हैं. बीजेपी सरकार के इस कदम का कड़ा विरोध कर रही है. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि किसानों का कर्ज माफ करने, बोनस देने, आपदा राहत राशि, मेधावी छात्रों की पढ़ाई और लैपटॉप की योजनाओं के लिए सरकार के पास पैसे नहीं है लेकिन फिल्मी प्रोग्राम के लिए बजट है.
कमलनाथ बोले आइफा से प्रदेश को मिलेगी वैश्विक पहचान एमपी में होने वाले आईफा अवार्ड को लेकर सीएम कमलनाथ ने कहा कि इससे प्रदेश को वैश्विक पहचान मिलेगी. टूरिज्म बढ़ेगा और प्रदेश में निवेश भी आएगा. साथ ही प्रदेश के कलाकारों के लिए बॉलीवुड के दरवाजे खुलेंगे. इसके लिए सोमवार को सीएम ने अभिनेता सलमान खान और अभिनेत्री जैक्लीन के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी. सीएम कमलनाथ के बेटे और छिंदवाड़ा से सांसद नकुलनाथ ने भी आइफा को एमपी लाने में बड़ी भूमिका निभाई है.
एमपी में सेठ जी की है सरकार:नेता प्रतिपक्ष भार्गव नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी सरकार के इस आयोजन का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश सरकार नाच गाने पर 57 करोड़ खर्च कर रही है. वहीं किसानों को देने के लिए उनके पास 57 पैसे भी नहीं हैं. उन्होंने कहा कि नया विमान भी जरूरी है लेकिन किसानों की ओर किसी का भी ध्यान नहीं है. सरकार किसानों की मदद नहीं कर रही है. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि यह सरकार सेठजी की सरकार है. वह जो भी करें वह सही है. उन्होंने कहा कि सरकार का बजट इस तरह के आयोजनों में ही खर्च किया जा रहा है जबकि किसानों को अब भी मदद का इंतज़ार है.