नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं. इस बीच केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार ने कई कदम उठाए हैं वहीं नगर निगम ने भी अपनी तरफ से तैयारी कर ली है.
प्रदूषण को कम करने को लेकर दिल्ली सरकार ने ये कदम उठाए हैं.
-'युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध' अभियान
- एन्टी डस्ट मुहिम- कंस्ट्रक्शन/डिमोलिशन साइट्स को दिशा निर्देश जारी किये
- पराली के लिये बॉयो डिकम्पोज़र तकनीक का इस्तेमाल
- रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान की शुरुआत की
- दिल्ली के आस पास के थर्मल पावर प्लांट्स को बंद करने को लेकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखा
- इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी
- ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी
वहीं इस बीच दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को रोकने को लेकर करवाई भी की है. अब तक 4 साइट्स जिन पर अब तक जुर्माना लगाया गया है. ये साइट्स हैं.
1. उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले *भलस्वा लैंडफिल साइट* पर 13 अक्टूबर को निरीक्षण के दौरान धूल नियंत्रण में लापरवाही पाए जाने पर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय भड़क गए थे. लैंडफिल साइट पर रोजाना सैकड़ों की संख्या में ट्रक कूड़ा लेकर पहुंचते हैं. इसके बावजूद लगातार पानी का छिड़काव नहीं किए जाने की वजह से धूल प्रदूषण ने आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को निर्देश दिए कि एमसीडी के खिलाफ 20 लाख रुपये जुर्माना लगाया जाए और कानूनी तौर पर सख्त कार्रवाई भी की जाए. गोपाल राय ने कहा कि डम्पिंग साइट पर पानी का छिड़काव कहीं पर भी नहीं दिख रहा है. इसी वजह से यहां धूल उड़ रही है. गोपाल राय ने कहा कि मुझे लगता है कि डम्पिंग साइट पर पानी का छिड़काव कभी-कभी ही होता होगा. इसीलिए इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. हमने आगे निर्देश दिया है कि टैंकरों की संख्या दोगुनी की जाए और नियमित रूप से चारों तरफ ठीक से पानी का छिड़काव किया जाए, जिससे धूल उड़ने से रोका जा सके.
2. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने रविवार 11 अक्टूबर को को कस्तूरबा नगर में *DDA दफ़्तर के सामने NCRTC की निर्माण साइट* पर नियमों की अनदेखी के लिए 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया था. औचक निरीक्षण के दौरान NCRTC की निर्माण साइट पर खुदाई के बाद मिट्टी पर ग्रीन कवर नहीं नजर आया और पानी का छिड़काव नहीं करने से हवा में प्रदूषण भी फैल रहा था.
3. इससे पहले दिल्ली सरकार ने शनिवार को 10 अक्टूबर को पर्यावरण नियमों की अनदेखी के आरोप में *भारतीय वाणिज्य और उद्योग महासंघ (FICCI)* पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमिटी ने इस मामले में आदेश जारी किया था। दरअसल, FICCI को 14 अगस्त को तानसेन मार्ग की डिमोलिशन साइट पर धूल उड़ने से रोकने के लिए एंटी स्मॉग गन लगाने के निर्देश दिए गए थे. दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमिटी की ओर से कहा गया था कि आप काम रोके और रिपोर्ट दें कि आप ने नियमों का पालन किया है. लेकिन FICCI ने कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमिटी के अधिकारियों ने 9 अक्टूबर को डिमोलिशन साइट का दौरा किया तो पाया कि साइट पर मलबा यूं ही पड़ा हुआ था. और उसको कवर नहीं किया गया था.
धूल ना उड़े इसके भी इंतजाम नहीं किए गए थे. पानी के छिड़काव का भी कोई इंतजाम नहीं था. एंटी स्मॉग गन नहीं लगाई गई थी. यहां तक मजदूरों को डस्ट मास्क भी नहीं दिए गए थे। इसके बाद दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमिटी ने जारी आदेश करते हुए कहा कि काम दोबारा शुरू नहीं होगा जब तक एंटी स्मार्ट गन नहीं लगेगी.
4. बुराड़ी 100 फुटा मेन रोड के साथ हो रहे नाले के निर्माण में प्रदूषण से संबंधित भारी अनियमितताए पाई गईं. निरीक्षण के दौरान पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने PWD पर लगाया 20 लाख जुर्माना लगाया. आपको बता दे PWD दिल्ली सरकार के अंतर्गत आता है.
इसके अलावा दिल्ली की 6 बड़ी साइट्स के निर्माण कार्य पर DPCC ने रोक लगाई है. DPCC ने इन साइट्स पर धूल उड़ने से रोकने के लिए एंटी स्मॉग गन लगाने के निर्देश दिए थे जो नहीं लगाये गये. जिसके बाद निर्माण कार्य रोकने की कार्रवाई की गई। ये साइट्स है.
1. नेताजी नगर निर्माण कार्य, NBCC ( 20 अगस्त को एन्टी स्मॉग गन लगाने को कहा था)
2. सरोजिनी नगर निर्माण कार्य, NCCC ( 20 अगस्त को एन्टी स्मॉग गन लगाने को कहा था)
3. FICCI ऑडिटोरियम ( 20 अगस्त को एन्टी स्मॉग गन लगाने को कहा था)
4. कस्तूरबा नगर में निर्माण कार्य, CPWD, ( 20 सितंबर को एन्टी स्मॉग गन लगाने को कहा था)
5. CRPF हेड क्वार्टर, CGO कॉम्प्लेक्स ( 20 सितंबर को एन्टी स्मॉग गन लगाने को कहा था)
6. त्यागराज नगर, CPWD ( 20 सितंबर को एन्टी स्मॉग गन लगाने को कहा था)
वहीं प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली नगर निगम ने भी तैयारी कर ली है. दिल्ली के तीनों नगर निगम ने पूरी दिल्ली में धूल कम करनें के लिए मैकेनिकल स्वीपिग मशीन, स्प्रिंकलर, वॉटर जेट मशीन सीवर क्लीनिंग सक्शन मशीन तैयार की है. तीनों निगमों के पास ऐसी कुल 700 मशीन है जिनका इस्तेमाल इस दौरान किया जाएगा.
आज से सीपीसीबी की 50 टीमों को आज से दिल्ली-एनसीआर में निरीक्षण के लिए तैनात किया गया है. फिलहाल केंद्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम प्रदूषण को रोकने की कोशिश कर रहे है लेकिन दिल्ली की हवा पर अभी तक इसका असर नहीं दिख रहा है। हर दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब होता जा रहा है।