दिल्ली में प्रदूषण पर सियासत गरमाई , गोपाल राय ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने वायु प्रदूषण के मुद्दे पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री पर दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के साथ भेदभाव की नीति अपनाने का आरोप लगाया है.
नई दिल्ली: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने वायु प्रदूषण के मुद्दे पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री पर दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के साथ भेदभाव की नीति अपनाने का आरोप लगाया है. एक प्रेस कांफ्रेंस में गोपाल राय ने कहा कि केंद्र सरकार पड़ोसी राज्यों की प्रवक्ता न बने और प्रदूषण के खिलाफ मिल कर काम करे. दिल्ली सरकार की मांग है कि सात दिन के अंदर एनसीआर के सारे थर्मल पाॅवर प्लांट बंद हों, इस संबंध में सीपीसीबी और ईपीसीए को पत्र भी लिखा गया है.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के एक बयान का ज़िक्र करते हुए गोपाल राय ने कहा, "केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने आज बयान दिया है कि दिल्ली के अंदर पराली से केवल 4 फीसदी प्रदूषण पैदा होता है. मैं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से जानना चाहता हूं कि 15 दिन पहले दिल्ली वही थी, प्रदूषण पैदा करने वाले स्रोत भी वही थे. 15 दिन पहले एक्यूआई सामान्य था, तो 15 दिन में दिल्ली वालों ने ऐसा क्या किया, जिसकी वजह से दिल्ली का एक्यूआई इतना बढ़ गया. अभी दीपावली भी नहीं आई है कि पटाखे जलने से प्रदूषण स्तर बढ़ गया। जबकि पिछले 10 दिन से युद्ध स्तर पर प्रदूषण कम करने की कोशिश हो रही है."
NASA से मिली तस्वीरों का हवाला देते हुए गोपाल राय ने कहा, "दिल्ली के अंदर एक तरफ इस नासा के चित्र को रख लीजिए और दूसरी तरफ 15 दिन में एक्यूआई के बढ़े स्तर के आंकड़े को रख लीजिए. जैसे-जैसे यह लाल क्षेत्र नासा के मानचित्र में बढ़ता गया, 15 दिनों के अंदर दिल्ली में उसी अनुपात में एक्यूआई का इंडेक्स बढ़ता गया. GRAP लागू होने के बाद हम दिल्ली में जेनरेटर बंद कर रहे हैं लेकिन हरियाणा छूट मांग रहा है. पिछली बार भी इन्हें छूट मिली थी, यह भेदभाव की नीति नहीं चलेगी."
दिल्ली से सटे अन्य राज्यों के शहरों में चल रहे रहे थर्मल पावर प्लांट बन्द करने को लेकर गोपाल राय ने EPCA और CPCB को पत्र भी लिखा है. गोपाल राय ने कहा, "दिल्ली के चारों तरफ 300 किलोमीटर क्षेत्र में 11 थर्मल पावर प्लांट चल रहे हैं. अब दोबारा से थर्मल पावर प्लांट का समय आगे बढ़ाने की की बात हो रही है. 12 थर्मल पावर प्लांट में से सिर्फ एक जगह पर नई तकनीक लगी है, बाकि जगह पर वही जहरीली गैस पैदा हो रही है. सीपीसीबी ने 8 मई 2020 को कहा था कि 18 लाख रुपए प्रति माह का जुर्माना जमा करके आप थर्मल पावर प्लांट चला सकते हैं. दो-दो बार डेडलाइन बढ़ाई जा चुकी है तो आप कैसे चला सकते हैं? लोगों की जिंदगी से आप कैसे खेल सकते हैं?" पत्र के ज़रिए गोपाल राय ने सीपीसीबी और EPCA से अपील की कि एक हफ्ते के अंदर जब तक यह हालात गंभीर हैं, तब तक पावर प्लांट बंद किए जाएं.
गोपाल राय ने कहा, "दिल्ली के आसपास ईंट-भट्टे चल रहे हैं. दिल्ली के अंदर जो प्रदूषण की समस्या है, वह बाॅर्डर की दिक्कत नहीं है, बल्कि वह एयर सेट की समस्या है. दिल्ली का एयर सेट 300 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है. अगर किसी भी कोने में प्रदूषण पैदा होता है तो वह स्थानंतरित होकर पूरे क्षेत्र को घेर लेता है. इसका समाधान पूरी तरह से बिना सामूहिक प्रयासों के नहीं हो सकता. इसलिए मेरा केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से अनुरोध है कि दिल्ली सरकार अगर काम कर रही है, तो उसको प्रोत्साहित करिए न कि हतोत्साहित करने के लिए ऐसी टिप्पणी करिए."