नई दिल्लीः दिवाली के समय दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता खराब होने के संकट से इस साल भी निजात मिलने की राह में मौसम का बदलता रुख रोड़े अटका सकता है. दिवाली से पहले हवाओं का रुख बदलने और इनकी गति कम पड़ने के मौसम विभाग के पूर्वानुमान और दिवाली में पटाखों से वायु प्रदूषण बढ़ाने में मददगार बनने वाले संभावित असर ने दिल्ली की चिंता को बढ़ा दिया है.
मौसम विभाग की उत्तर क्षेत्रीय पूर्वानुमान इकाई के प्रमुख डा. कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि दिल्ली एनसीआर क्षेत्र सहित उत्तर के मैदानी इलाकों में 24 अक्टूबर से हवा के रुख में आयी तब्दीली के चलते अब इस क्षेत्र में उत्तर पश्चिमी हवाओं के बजाय पूर्वी हवा चल रही है. इसकी गति 25 अक्टूबर से लगातार घट रही है.
उन्होंने बताया कि रविवार को दिवाली के बाद 30 अक्टूबर तक हवा की संभावित अधिकतम गति 10 किमी प्रति घंटा तक ही रहने का अनुमान है. हवा की यह गति प्रदूषणकारी पार्टिकुलेट तत्वों को बहा ले जाने में सक्षम नहीं होती है.
मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया कि दिवाली पर तमाम प्रयासों के बावजूद थोड़ी बहुत आतिशबाजी से भी होने वाला प्रदूषण हवा की गुणवत्ता के संकट को बढ़ाने की आशंका को देखते हुए मौसम का साथ नहीं मिलना प्रदूषण की चिंता को बढ़ाने वाला साबित हो सकता है.
उन्होंने बताया कि बारिश लाने वाली पूर्वी हवाओं का रूख मानसून की वापसी के साथ ही बदल जाता है, लेकिन इसके साथ उत्तर के हिमालयी क्षेत्र से बहने वाली उत्तर पश्चिम हवायें दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में सर्द मौसम की वाहक बनती है.
मौसम विज्ञान की भाषा में यह पश्चिमी विक्षोभ कहलाता है, जो कि दिवाली के आसपास दिल्ली को प्रदूषण से राहत भी देता है. इसी समय पंजाब हरियाणा में जलने वाली पराली के धुंये को पश्चिमी हवाओं की तेज गति दिल्ली तक असर करती है और प्रदूषणकारी तत्वों को हवा के साथ बहा ले जाने में मददगार होती है.
उन्होंने बताया कि इस साल दिवाली से दस दिन पहले ही पश्चिमी विक्षोभ ने दिल्ली को 18 से 20 तारीख तक वायु प्रदूषण को गंभीर होने से रोकने में मदद की. विक्षोभ का असर खत्म होने के बाद 23 अक्टूबर की रात से एक बार फिर पूर्वी हवा का रुख दिल्ली एनसीआर क्षेत्र की तरफ होने के कारण दिवाली के समय दमघोंटू हवाओं से निपटने में मौसम का साथ मिलने की उम्मीद कम हो गई.
उन्होंने बताया कि तात्कालिक तौर पर यही कहा जा सकता है कि दिवाली के बाद तीन नवंबर तक मौसम से फिलहाल कोई राहत की उम्मीद नहीं है. यह जरूर है कि 31 अक्टूबर के बाद तापमान में गिरावट शुरु होगी और छह नवंबर से हवा की गति बढ़कर 15 से 20 किमी प्रति घंटा तक होने का पूर्वानुमान है.
इस हवा के जरिए दूषित कण दिल्ली से दूर जा सकते हैं. इस तरह से छह नवंबर के बाद ही वायु प्रदूषण से राहत की उम्मीद की जा सकती है.
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