नई दिल्ली: गुरुवार को दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत "गंभीर" श्रेणी या आपातकालीन स्तरों को छू लिया. दिल्ली में सर्दी बढ़ने के साथ ही प्रदूषण का स्तर भी खराब होता जा रहा है. दिल्ली और एनसीआर के कई इलाकों में प्रदूषण गंभीर के श्रेणी में पहुंच गया है.


राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र वसुंधरा में AQI मीटर के अनुसार सुबह 6 बजे 285 के खतरनाक स्तर पर बना हुआ है. बता दें कि साफ हवा की गुणवत्ता 50 के भीतर होती है. वसुंधरा में बढ़े AQI के लिए साहिबाबाद का औद्योगिक क्षेत्र इसका एक प्रमुख कारण हो सकता है.





वहीं राष्ट्रीय राजधानी में वायु की गुणवत्ता में गिरावट जारी है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली के आनंद विहार इलाके में वायु गुणवत्ता सूचकांक 422, आरके पुरम में 407, द्वारका में 421, सेक्टर 8 और बवाना में 430, बता दें की यह सभी 'गंभीर श्रेणी' में हैं.


हवा में धूल के कणों के कारण सुबह के वक्त विजिबिलिटी बेहद कम है. वाहनों को स्मॉग होने के कारण लाइट्स जला कर चलना पड़ रहा है. प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव ज़रूरी हो रहा है, लेकिन प्रदूषण के स्तर पर इसका कोई खास असर पड़ता नहीं दिख रहा.


इस बीच, सीपीसीबी के नेतृत्व वाले टास्कफोर्स ने सरकारी और निजी प्रतिष्ठानों को घर से काम करने, कारपूलिंग और क्षेत्र की गतिविधियों के कारण एनसीआर में वाहन के उपयोग को कम से कम 30% कम करने की सलाह दी है. इसने एजेंसियों को और अधिक सतर्क रहने का निर्देश दिया.


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