नई दिल्ली: साल के अंतिम दिनों में जहां एक और ठंड और कोहरा बढ़ रहा है,  वहीं एक बार फिर से दिल्ली में प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है. बढ़ती हुई ठंड से हवा की गुणवत्ता पर असर भी पड़ रहा है. दिल्ली वालों को प्रदूषण के दूसरे दौर से भी गुज़रना पड़ सकता है. प्रदूषण के बढ़ने की वजह से तापमान में गिरावट और साथ ही साथ हवा की धीमी गति है.


स्काई मेट संस्था के मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट के वाइस प्रेसिडेंट महेश पहलावत बढ़ते हुए प्रदूषण की वजह बताते हैं कि फॉग और धूल के कण ने आपस में मिलकर स्मॉग की चादर बना ली है जिस वजह से हवा की गुणवत्ता का स्तर हानिकारक हो चला है. मंगलवार से ही हवा की गुणवत्ता का स्तर  यानी (एक्यूआई) 400 के पार बना हुआ था.


एक्सपर्ट्स की मानें तो हवाओं की गति इतनी नहीं है जो इन कणों को बहा सके इस लिए ठंड से हो रहे कोहरे में ये धूल के कण मिल जा रहें हैं जिसके चलते हवा की गुणवत्ता काफ़ी हानिकारक हो रही है. यही नहीं मौसम के जानकारों के मुताबिक, फिलहाल हवा की गुणवत्ता में सुधार होता नज़र नहीं आ रहा है.


आज सुबह कोहरे की चादर के साथ स्मॉग की परत भी दिल्ली-एनसीआर पर छाई रही. ज़मीनी स्तर पर हवाएं बेहद कमज़ोर रहीं और अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में ये और धीमी हो जाएंगी.


इस समय रेडिएटिव फॉग बन रही है, जिसकी वजह स्थानीय मौसमी कंडीशन है. इसलिए यह लंबे समय तक नहीं रहेगी. हालांकि 23 और 24 दिसंबर को प्रदूषण का स्तर बेहद खराब रहेगा. कुछ जगहों पर यह हानिकारक भी रह सकता है. आज सुबह के मुकाबले दोपहर में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी हुई है. दिल्ली का आनंद विहार एक बार फिर से प्रदूषण का हॉटस्पॉट बना हुआ है.


आनंद विहार में हवा की गुणवत्ता का स्तर 481 बना हुआ है, वहीं दिल्ली के द्वारका सेक्टर-8 में ये 454 है. आईटीओ में 439,चांदनी चौक पर 463,मंदिर मार्ग 431 है. लगभग सभी मुख्य इलाकों में प्रदूषण का स्तर 400 के पार है. जब प्रदूषण 400 के पार आता है तो वो बेहद हानिकारक स्थति होती है. ऐसे में दिल्ली वालों को कुछ दिन ठंड के साथ प्रदूषण की मार भी झेलनी होगी.


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