Jharkhand Pooja Singhal Case: प्रवर्तन निदेशालय यानी ED की ओर से झारखंड हाईकोर्ट में कहा गया है कि मनरेगा घोटाले में गिरफ्तार निलंबित IAS पूजा सिंघल से पूछताछ में बड़े खुलासे हुए हैं. कई अहम दस्तावेज भी मिले हैं. ईडी ने कोर्ट में दावा किया है कि पूरे घोटाले को फर्जी कंपनियों के जरिये बड़े रैकेट के तहत अंजाम दिया गया है. इसमें कई बड़े राजनेता नेता शामिल हैं. 2010 से ही पूजा सिंघल नेताओं और मंत्रियों तक घूस की रक़म पहुंचा रहीं थी. इसमें 18 FIR दर्ज हैं. मामले की जांच अभी भी झारखंड सरकार की Anti Corruption Bureau (ACB) कर रही है. 


इसके साथ ही ED ने हाईकोर्ट में कहा कि राज्य सरकार की ओर से इसके जांच को प्रभावित किये जाने की आंशका है इसलिये जांच सीबीआई को सौंप देनी चाहिए. झारखंड हाईकोर्ट में ED की ओर से भारत सरकार के महाधिवक्ता तुषार मेहता ने यह कहा है. झारखंड हाईकोर्ट में सीएम हेमंत सोरेन और उनके करीबियों की ओर से शेल कंपनियां चलाने और सीएम हेमंत सोरेन द्वारा खनन लीज अपने नाम पर आवंटन कराने के मामले पर विशेष सुनवाई हो रही थी.
 
ED ने सीबीआई जांच की सिफारिश की


ईडी ने कोर्ट में इस मामले की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की है. इससे पहले पिछले सुनवाई में ED ने अदालत में कहा था कि वह पूजा सिंघल मामले में कार्रवाई कर रही है जिसमें उसे अहम दस्तावेज मिले हैं जिसको वह अदालत में दिखाना चाहती है. अदालत ने उन दस्तावेजों को सीलबंद लिफाफे में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को देने कहा था. ED ने सीलबंद लिफाफे को दे दिया है. ED को पूजा सिंघल मामले में छापेमारी में उनके पति अभिषेक झा के पल्स अस्पताल से 20 से ज्यादा शेल कंपनियों की जानकारी मिली है जिसके जरिये काले धन को सफेद किया जाता है


फर्जी कंपनियों को लेकर HC में हुई थी याचिका दाखिल


शिवशंकर शर्मा ने सीएम हेमंत की खनन लीज और शेल कंपनियों के मामलों में झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. शिव शंकर शर्मा के अधिवक्ता राजीव कुमार हैं. झारखंड सरकार की तरफ से पक्ष कपिल सिब्बल रख रहे थे. मामले की सुनवाई के लिये विशेष अदालत बैठी. यह मामला चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में था.


ये भी पढ़ें:


Rajiv Gandhi Assassination Case: 31 साल बाद जेल से छूटेगा पूर्व PM राजीव गांधी का हत्यारा, SC ने दिए एजी पेरारिवलन की रिहाई के आदेश


करीब 400 शेल कंपनियां चलाने का आरोप


बता दें कि शिव शंकर शर्मा ने झारखंड हाईकोर्ट में सीएम हेमंत सोरेन, उनके भाई बसंत और हेमंत के करीबियों पर करीब 400 शेल कंपनियां चलाने का आरोप लगाते हुए जनहित याचिका दायर की थी. मामले में आगे की सुनवाई 19 मई को होगी. 


ये भी पढ़ें:


West Bengal Minister: पश्चिम बंगाल के शिक्षा राज्य मंत्री से CBI करेगी पूछताछ, बेटी को नौकरी देने के मामले में हाईकोर्ट ने जारी किए निर्देश