Jammu Kashmir: पुंछ हमले का 7 आतंकियों ने बनाया प्लान, रॉकेट लॉन्चर से किया था हमला, शहीद हुए सेना के 5 सपूत
Poonch Terror Attack: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की संभावित भारत यात्रा से पहले ही कश्मीर में सेना पर बड़ा हमला हुआ जिसमें सेना के पांच जवान शहीद हो गए हैं.
Poonch Terror Attack: जम्मू कश्मीर के पुंछ में गुरुवार (20 अप्रैल) को हुए आतंकी हमले में सेना के 5 जवान शहीद हो गए. आतंकियों की इस कायराना हरकत के बाद सुरक्षा एजेंसियों को बड़ी खबर मिली है. जिसके मुताबिक, हमले के बाद से इस इलाके में पाकिस्तान के कुल 7 आतंकी अलग-अलग ग्रुप में छिपे हुए हैं. इन्होंने ही इस घटना को अंजाम दिया था.
सेना ने पूरे इलाके को सीज करके आतंकियों की तलाश करने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया हुआ है. खुफिया सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार को सेना पर हमला करने वाले आतंकवादियों ने जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के राजौरी में सक्रिय ग्राउंड टेररिस्ट की मदद से इस घटना को अंजाम दिया है. इससे पहले, सूत्रों ने जानकारी दी थी कि सेना पर हमला पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने ली थी. हालांकि सेना को संदेह है, संभावना है कि इस हमले में लश्कर के आतंकवादी भी शामिल थे.
क्या पीओके के रास्ते हुई घुसपैठ?
सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां इस सवाल का जवाब ढ़ूंढ़ने में लगी हैं कि क्या आतंकियों ने राजौरी और पुंछ के रास्ते पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के रास्ते भारत में घुसपैठ की थी. खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक JeM और LeT के आतंकियों को POK में कई जगहों पर इकट्ठा होने के लिए कहा गया था और उनको पास के गांवों में पनाह दी गई थी.
'सेना ने चलाया आक्रामक सर्च ऑपरेशन'
इस हमले के बाद अलर्ट मोड पर आई सेना ने बाटा-डोरिया क्षेत्र (जहां पर वारदात हुई) के जंगल में सुरक्षा बलों ने काफी आक्रामक सर्च ऑपरेशन चलाया है. अधिकारियों ने कहा, उन्होंने पूरे इलाके को घेर लिया है और आतंकियो को खोजने के लिए ड्रोन और खोजी कुत्तों का इस्तेमाल कर रहा है.
सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक सीमावर्ती राजौरी और पुंछ जिलों में हाई अलर्ट घोषित किया गया है साथ ही नियंत्रण रेखा के पास कड़ी निगरानी रखी जा रही है. उन्होंने बताया कि आतंकी हमले के बाद भीम्बर गली-पुंछ मार्ग पर वाहनों का यातायात रोक दिया गया है और लोगों को मेंढर के रास्ते पुंछ जाने की सलाह दी गई है.
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