Poonch Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पुंछ में गुरुवार (20 अप्रैल) को हुए हमले के बाद सेना ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. आतंकियों की तलाश के लिए सेना के हेलीकॉप्टर और ड्रोन इलाके के घने जंगलों के ऊपर उड़ रहे हैं. शुक्रवार को खोजी कुत्तों का भी इस्तेमाल किया गया. आतंकी भले ही अभी बचकर निकल गए हों, लेकिन ज्यादा दिन तक उनकी खैर नहीं है, क्योंकि सेना का रिकॉर्ड रहा है कि वह हमलावरों को खोज कर ढेर ही कर देती है.


गुरुवार को हुए आतंकी हमले में राष्ट्रीय राइफल्स के 5 जवान शहीद हो गए थे. रिपोर्ट के मुताबिक, हमले के बाद से इलाके में पाकिस्तान के कुल 7 आतंकी अलग-अलग ग्रुप में छिपे हुए हैं. इन्होंने ही इस घटना को अंजाम दिया था. सेना इन आतंकियों के लिए अपना मिशन स्टार्ट कर दिया है, जिसके बाद अब इनका बचना नामुमकिन है.


सेना ऐसे करती है सफाया


जम्मू कश्मीर में आतंकियों को खत्म करने में सेना का रिकॉर्ड देखें तो पता चल जाएगा कि जिसने भी सेना को चैलेंज करने की कोशिश की, वह ढेर कर दिया गया. साल 2023 में सेना के 31 जवानों ने आतंकी हमलों में देश के लिए बलिदान दिया था. वहीं, इसके जवाब में घाटी में सुरक्षाबलों के हाथों 172 आतंकी मारे गए थे. इस तरह से देखें तो हर एक जवान के बदले में 6 आतंकियों को मारकर हिसाब पूरा किया गया.


370 हटने के बाद आई तेजी


सुरक्षाबलों के हाथों आतंकियों को मारे जाने का ट्रेंड पिछले तीन-चार सालों में तेजी से बढ़ा है. खासतौर पर धारा 370 के हटने के बाद से सेना का आतंकियों का सफाया करने के मिशन में तेजी आई है. साल 2019 में आतंकी हमलों में 80 जवान शहीद हुए थे. इसी साल सुरक्षाबलों की कार्रवाई में 157 आतंकियों का सफाया कर दिया गया. एक जवान के बदले में 2 आतंकियों को ढेर किया गया. 


इसके अगले साल 2020 में 62 जवानों ने बलिदान दिया तो सुरक्षाबलों ने 221 आतंकियों को मौत की नींद सुलाकर हमेशा के लिए घाटी से साफ कर दिया. तब एक जवान के बदले में करीब 4 आतंकी मारे गए थे. 


इसके बाद 2021 में 43 जवान देश के लिए शहीद हुए थे, जबकि सुरक्षाबलों की कार्रवाई में 182 आतंकी मार गिराए गए थे. तब एक जवान के शहादत के बदले 4 से ज्यादा आतंकी ढेर किए गए थे.


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