Poonch Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में शनिवार (5 मई) को आतंकवादियों ने कायराना हरकत को अंजाम दिया. दहशतगर्दों ने भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के एक काफिले पर घात लगाकर हमला किया. इस अटैक में वायुसेना का एक सैनिक शहीद हो गया, जबकि चार अन्य घायल हो गए. पूंछ में हुए हमले में 'पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट' (पीएएफएफ) का नाम सामने आ रहा है. ये आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ है. पीएएफएफ ने पिछले साल भी इसी तरह के हमले को अंजाम दिया था.


आतंकियों की तरफ से इस हमले को ऐसे समय में अंजाम दिया गया है, जब तीन हफ्ते में अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र में मतदान होने वाले हैं. रविवार (5 मई) सुबह से ही पुंछ के जंगलों में आतंकियों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. अधिकारियों के मुताबिक, आतंकियों को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया है. सुरक्षा बलों ने नाके लगा दिए हैं और इलाके में चेकिंग चल रही है. भारतीय सेना के अतिरिक्त बल शनिवार देर रात पुंछ में जर्रा वाली गली (JWG) पहुंचे, जो सर्च ऑपरेशन में मदद कर रहा है.


इलाज के दौरान एक जवान हुआ शहीद


भारतीय वायुसेना ने हमले के बाद बताया कि काफिले को सुरक्षित कर लिया गया है. वायुसेना ने बताया कि आतंकियों के साथ मुठभेड़ में वायुसैनिकों ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए गोलियां चलाईं. इस दौरान पांच सैनिकों को गोली लगी, जिसके बाद इलाज के लिए उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. इलाज के दौरान एक वायुसैनिक शहीद हो गया. वहीं, पुंछ में हुए इस आतंकी हमले के बाद पीएएफएफ एक बार फिर से चर्चा में आ गया है. ऐसे में आइए इस आतंकी संगठन के बारे में जानते हैं.


क्यों पुंछ हमले से जुड़ा पीएएफएफ का नाम? 


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पुंछ में हुए कायराना हमले को जिस आतंकी संगठन ने अंजाम दिया है, वह ऐसा पिछले साल भी कर चुका है. वायुसेना के काफिले पर हमले के बाद अधिकारियों ने आतंकियों के उसी समूह के अटैक में शामिल होने का संदेह जताया, जिसने पिछले साल 21 दिसंबर को पास के बुफलियाज में सैनिकों पर घात लगाकर हमला किया था. इस हमले मे चार सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि तीन अन्य घायल हुए थे. 


जैश से है पीएएफएफ का कनेक्शन


एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएएफएफ आतंकी मसूद अजहर के नेतृत्व वाले जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ संगठन है. ये अक्सर ही घाटी में आतंकी हमलों को अंजाम देता रहा है. जम्मू-कश्मीर से अगस्त 2019 में जब आर्टिकल 370 को हटाया गया, तब ये आतंकी संगठन चर्चा में आया. हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों और नागरिकों पर हुए अधिकांश आतंकी हमलों की जिम्मेदारी पीएएफएफ ने ली है.


पीएएफएफ आतंकी हमलों को अंजाम देने के दौरान बॉडी कैमरे का इस्तेमाल करता है. इसके बाद वीडियो को रिलीज कर प्रोपेगैंडा फैलाया जाता है. गृह मंत्रालय ने पीएएफएफ को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 35 के तहत आतंकी संगठन घोषित किया हुआ है. इस आतंकी संगठन ने पिछले कुछ सालों में घाटी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को जान से मारने की धमकी दी है. 


पीएएफएफ ने कब-कब हमले को अंजाम दिया? 


दरअसल, पीएएफएफ ने पिछले साल 21 दिसंबर को सेना के काफिले पर हमला किया था. सेना के वाहन में सवार होकर सैनिक सर्च ऑपरेशन के लिए जा रहे थे, तभी सूरनकोट पुलिस थाने के अंतर्गत धेरा की गली और बुफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर आतंकियों ने हमला किया. घात लगाकर किए गए इस हमले में चार जवान शहीद हो गए थे, जबकि तीन सैनिक घायल हुए.  


पिछले साल ही 20 अप्रैल को पूंछ जिले के मेंढार तहसील के भट्टा दुरियन इलाके में पीएएफएफ के आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर हमला किया. इस हमले में सेना के वाहन में आग लग गई, जिसमें पांच जवान शहीद हो गए, जबकि एक जवान घायल हुए. पीएएफएफ ने इस घटना का 2.5 मिनट का वीडियो जारी कर हमले की जिम्मेदारी ली.


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