सैनिकों के शहीद होने के बाद तीन नागरिकों की मौत पर संदेह, सेना ने शुरू की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी
Poonch Terrorist Attack: 21 दिसंबर के आतंकी हमले के बाद तीन नागरिकों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था. अगले दिन तीनोंं मृत पाए गए थे. सेना ने मामले में कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी शुरू की है.
Jammu Kashmir Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के पुंछ में हाल में एक आतंकवादी हमले में तीन सैनिकों की मौत के बाद सुरक्ष बल की ओर से पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए तीन नागरिकों की मौत पर पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है, इसलिए सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी शुरू कर दी है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी सोमवार (25 दिसंबर) को दी.
सेना ने घटना को गंभीरता से लिया है क्योंकि हिरासत में टॉर्चर करने के आरोप लगे हैं, जिसे लेकर भारी आक्रोश देखा जा रहा है, इसलिए एक ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी को स्थानांतरित किया गया है और 48 राष्ट्रीय राइफल्स के तीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
21 दिसंबर को आतंकियों ने किया था घात लगाकर हमला
21 दिसंबर को पुंछ के सुरनकोट इलाके में ढेरा की गली और बफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर आतंकवादियों ने सेना के वाहनों पर घात लगाकर हमला किया था, जिसमें में सैनिकों की जान चली गई थी. आतंकी हमले के बाद 27 से 42 वर्ष की उम्र के तीन नागरिकों को कथित तौर पर सेना ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था, जो 22 दिसंबर को मृत पाए गए थे.
कथित तौर पर नागरिकों को यातना दिए जाने संबंधी कुछ वीडियो सोशल मीडिया देखे गए थे. सूत्रों के मुताबिक, सेना ने कथित यातना और उसके बाद तीन नागरिकों की मौत की घटना पर अपनी जांच आगे बढ़ाते हुए ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ शुरू की है. सूत्रों ने कहा कि पुलिस ने अज्ञात आरोपी सैन्यकर्मियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया है.
कैसे हुई नागरिकों की मौत?
एक अधिकारी ने प्राथमिकी के हवाले से बताया, ‘‘21 दिसंबर को हुई आतंकी घटना के बाद, सेना के जवानों ने हमले के बाद फरार हुए आतंकवादियों की तलाश में बफलियाज के टोपा पीर में तलाशी ली. इस दौरान, सेना के जवानों ने पूछताछ के लिए कुछ स्थानीय युवाओं को हिरासत में लिया, जिनमें शामिल सफीर अहमद, मोहम्मद शौकत और शब्बीर अहमद ने कथित तौर पर चोटों के कारण दम तोड़ दिया.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह आईपीसी की धारा 302 के तहत संज्ञेय अपराध बनता है. चूंकि, तत्काल मामला विशेष प्रकृति का है... जांच शुरू होने पर विशेष रिपोर्ट अलग से पेश की जाएगी.’’
(भाषा इनपुट के साथ)
यह भी पढ़ें- फ्रांस में रोकी गई 300 यात्रियों से भरी फ्लाइट ने 3 दिनों बाद भरी उड़ान, भारत ने कहा- थैंक्यू