Govt Advisory: ऋषभ पंत के एक्सीडेंट और कुछ अपराधों की रिपोर्टिंग खराब, सरकार ने टीवी चैनलों को जारी की एडवाइजरी
Advisory to TV channels: सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने चैनलों को सख्त सलाह दी है कि वे अपनी प्रणाली को केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) कानून के तहत निर्धारित कार्यक्रम संहिता के अनुरूप मजबूत करें.
Govt Advisory to TV channels: केंद्र सरकार ने क्रिकेटर ऋषभ पंत के कार हादसे और कुछ अपराधों की टेलीविजन कवरेज को सोमवार (9 जनवरी) को ‘खराब’ और ‘दुखद’ करार दिया. इसी के साथ सरकार ने टीवी समाचार चैनलों को संबंधित कानून के तहत निर्धारित कार्यक्रम संहिता का सख्ती से पालन करने को कहा.
सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने सभी निजी समाचार चैनलों को एक परामर्श जारी किया. इसमें पंत की कार दुर्घटना की रिपोर्टिंग, शवों की तस्वीरों और पांच साल के बच्चे की पिटाई जैसी घटनाओं के प्रसारण का हवाला दिया गया. मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की रिपोर्टिंग 'गरिमा' को प्रभावित करती हैं.
सरकार की एडवाइजरी में यह कहा गया
मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी इस परामर्श में कहा गया है, ''टेलीविजन चैनलों पर व्यक्तियों के शव, घायल लोगों की तस्वीर-वीडियो, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों समेत लोगों के साथ मारपीट जैसी घटनाओं के वीडियो प्रसारित किए गए.’’
इसमें यह भी कहा गया है कि प्रसारकों ने वीडियो क्लिप और तस्वीरें सोशल मीडिया से लीं और कार्यक्रम संहिता की भावना के अनुरूप बनाने के लिए ऐसी क्लिप को एडिट करने के बहुत प्रयास नहीं किए गए.
'कानून के तहत प्रणाली को मजबूत करें टीवी चैनल'
मंत्रालय ने टेलीविजन चैनलों को सख्त सलाह दी है कि अपराध, हादसों और हिंसा की घटनाओं के प्रसारण के लिए वे अपनी प्रणाली को केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) कानून के तहत निर्धारित कार्यक्रम संहिता के अनुरूप मजबूत करें.
2020 में जारी की गई थी एडवाइजरी
बता दें कि इससे पहले फरवरी 2020 में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने निजी चैनलों के लिए कंटेंट संबंधी एडवाइजरी जारी की थी. इसमें मंत्रालय ने सभी निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों को ऐसे कंटेंट से सतर्क रहने के लिए कहा था जो हिंसा को बढ़ावा देता हो या भड़का सकता हो.
ऐसे कंटेंट से दूरी बनाने के लिए कहा गया था जो कानून और व्यवस्था प्रबंधन के लिए खतरा हो और जो राष्ट्र-विरोधी नजरिये को बढ़ावा देता हो. दरअसल, उत्तर-पूर्व दिल्ली के कुछ हिस्सों में हिंसा की घटनाओं को देखते हुए निजी चैनलों को यह एडवाइजरी जारी की गई थी. चैनलों से ऐसे कंटेंट से भी सावधान रहने के लिए कहा गया था जो धर्म या समुदायों पर हमले या धार्मिक समूहों के प्रति अपमानजनक तस्वीरें दिखाते हों या उनकी भाषा में सांप्रदायिक नजरिये को बढ़ावा दिया गया हो.
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