ED की जांच में बड़ा खुलासा- PFI के अकाउंट में करोड़ों रुपये जमा, CAA के खिलाफ हिंसा भड़काने के लिए हुआ इस्तेमाल
ईडी की जांच में पीएफआई और उसके संबंधित इकाइयों के 73 बैंक खातों का खुलासा हुआ है. ईडी को अपनी जांच के दौरान 73 बैंक खातों का पता चला है. इनमें से 27 बैंक खाते पीएफआई के हैं. नौ बैंक खाते उसकी संबंधित इकाई रिहैब फाउंडेशन एनटीआरआईएफ के हैं.
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. दरअसल ईडी पीएफआई की जांच कर रहा है. जिसमें खुलासा हुआ है कि पीएफआई के बैंक खातों में जमा करोड़ों रुपये नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसा भड़काने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं. ईडी को 73 बैंक अकाउंट का पता चला है इनमें से 27 पीएफआई के हैं.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पीएफआई की जांच कर रहा है, ये जांच एनआईए द्वारा दाखिल आरोप पत्र के आधार पर जांच की अगली कड़ी के रूप में की जा रही है. ईडी को अपनी जांच के दौरान 73 बैंक खातों का पता चला है. इनमें से 27 बैंक खाते पीएफआई के हैं. नौ बैंक खाते उसकी संबंधित इकाई रिहैब फाउंडेशन एनटीआरआईएफ के हैं. इसके अलावा 17 अलग-अलग बैंकों में पीएफआई से संबंधित व्यक्तियों या इकाइयों के साथ खाते हैं. इन बैंक खातों में दर्ज किए गए लेनदेन की जांच से पता चला है कि इन बैंक खातों में 120.5 करोड़ रुपये जमा किए गए. जो उसी दिन या दो से तीन दिनों के भीतर इन बैंक खातों में बहुत मामूली राशि छोड़कर निकाल लिए गए थे. जांच में यह भी सामने आया कि इन बैंक खातों में मुख्य रूप से नगद जमा आरटीजीएस या एनईएफटी और आइएमपीएस के द्वारा जमा किए गए. इन बैंक खातों में चेक के माध्यम से अपवाद स्वरूप ही लेनदेन हुआ है.
सिंडिकेट बैंक नेहरू प्लेस नई दिल्ली में पीएफआई के बैंक खातों में जमा की धनराशि की जांच से पता चला है कि पश्चिमी यूपी के जिलों जैसे बहराइच बिजनौर हापुड़ शामली डासना आदि में भारी मात्रा में बार-बार नगदी जमा की गई है. इन बैंक खातों में नगद 41.5 करोड़ रुपए जमा किए गए थे. यहां यह उल्लेख करना जरूरी है कि पीएफआई के 27 बैंक खातों में मुख्य रूप से नगद राशि जमा की गई थी जो कुल जमा राशि का लगभग 50 फीसदी है. इन खातों में कुल जमा 59 करोड़ में से 27 करोड़ रुपए नगद जमा किए गए.
बड़ी हस्तियों को दिया गया पैसा
सिंडिकेट बैंक मामूर रोड कोझिकोड की अकाउंट नंबर 000277 में पीएफआई के बैंक खातों में से एक की जांच से पता चला कि पीएफआई द्वारा कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों और संस्थाओं को भुगतान किया गया है. जांच में जिन व्यक्तियों के नाम सामने आए हैं उनमें कपिल सिब्बल को 77 लाख रुपये, वकील इंदिरा जयसिंह को चार लाख रुपये, दुष्यंत दवे को 11 लाख रुपये, एनआईए की चार्जशीट में आरोपी अब्दुल समद को 3.10 लाख रुपये, न्यू ज्योति ग्रुप की ओर 1.17 करोड़ रुपये और पीएफआई कश्मीर को 1.65 करोड़ रुपये जमा किए गए.
जांच में यह भी तथ्य सामने आया कि न्यू ज्योति ग्रुप को पीएफआई ने 1.17 करोड़ रुपये का भुगतान किया जो कि तमिलनाडु में पंजीकृत एक साझेदारी फर्म है जिसकी भारत भर में शाखाएं हैं और यह फर्म प्लास्टिक बैग के कारोबार में लगी हुई है. चूंकि पीएफआई और न्यू ज्योति समूह दो अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रहे हैं लेकिन लेनदेन की प्रकृति और कारण में हितों का टकराव दिखता है इसलिए इसकी और गहराई से जांच की जा रही है.
फाइनल फाउंडेशन की भी जांच जारी
खुफिया इनपुट के अनुसार पीएफआई फाइनल फाउंडेशन द्वारा सक्रिय रूप से समर्पित है जो पीएफआई नेता द्वारा संचालित एक धार्मिक और धर्मार्थ ट्रस्ट है. फाइनल फाउंडेशन के वित्त के स्रोत की जांच भी की जा रही है. सफाई के खातों की जांच से यह भी पता चला कि इन खातों में जमा की गई राशि और उनकी निकासी की तारीखों और नागरिकता संशोधन एक्ट 2019 के पास होने के बाद देशभर में इस कानून के खिलाफ हो रहे धरना प्रदर्शनों के बीच सीधा संबंध है. जानते हैं कि कैसे सीधे नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों से इस पैसे का संबंध जुड़ा है.
4 दिसंबर 2019 से 6 जनवरी 2020 तक 15 बैंक खातों में 1.04 करोड़ रुपये जमा किए गए. जिनमें से दस खाते पीएफआई के और पांच खाते भी इंडिया फाउंडेशन के थे. जमा राशियां पांच हजार से 49 हजार तक की थीं और इनमें नगद और मोबाइल का इस्तेमाल कर तत्काल भुगतान सेवा द्वारा जमा कराया गया था. जमाकर्ता की पहचान छिपाने के लिए जमा राशि पचास हजार से कम रखी गई थी. इन बैंक खातों से चार दिसंबर 2019 से लेकर 6 जनवरी 2020 के दौरान नकदी और एनईएफटी यह आईएमपीएस के जरिए 1.34 करोड रुपए निकाले गए.
मनी ट्रांसफर में स्विफ्ट मोड का किया इस्तेमाल
निकासी की प्रकृति से यह स्पष्ट है कि पीएफआई के सदस्यों ने पैसे ट्रांसफर करने के लिए स्विफ्ट मोड का उपयोग किया है. धरना-प्रदर्शन संबंधित तारीख चार दिसंबर 2019 से 6 जनवरी 2020 के दौरान निकासी की जांच से पता चला है कि निकासी दो हजार से पांच हजार तक की छोटी राशियों में एक ही दिन में बार-बार अलग-अलग लोगों के द्वारा की गई. ऐसे उदाहरण हैं कि 1 दिन में 80 से 90 से भी अधिक निकासी की गई, यानी कि 80 से 90 बार से भी अधिक बार बैंक खातों से पैसा निकाला गया और उसके संबंधित संस्थाओं के बैंक खातों से पैसों की निकासी की तारीख नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन की तारीख आस पास की है. इससे ये साफ जाहिर है कि पीएफआई और उससे संबंधित संस्थाओं के बैंक खातों से धन की निकासी का नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों के साथ सीधा संबंध है.
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