PFI Ban After SIMI: पीएफआई पर प्रतिबंध लगने के बाद देशभर में इस संगठन को लेकर बहस हो रही है. आतंकवादी संगठन सिमी यानी स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया पर बैन लगने के बाद पीएफआई अस्तित्व में आया था. पीएफआई (Popular Front of India) भी ठीक उसी की राह पर चल रहा था, जिस राह पर सिमी के सदस्य चल रहे थे. इस कट्टपंथी संगठन को लेकर कई खुलासे के बाद केंद्र सरकार ने इस पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया और अब इसके सदस्यों पर पैनी नजर रखी जा रही है.


बताया जाता है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पहले से प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) का ही नया रूप था, जिसका मकसद भी टेरर फंडिंग से लेकर लोगों के बीच नफरत फैलाना था.


NIA ने की थी देशभर में छापेमारी


एनआईए (NIA) की टीम ने पिछले हफ्ते 22 सितंबर को देशभर के कई हिस्सों में छापेमारी की थी. इस संगठन से जुड़े कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी. जांच के दौरान खुलासा हुआ था कि इससे जुड़े लोग साल 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए नेटवर्क विकसित कर रहे थे. पीएफआई और इससे जुड़े लोगों की गतिविधियों पर पिछले कई महीनों से नजर रखी जा रही थी. राष्ट्रीय महिला मोर्चा (NWF) और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) समेत संगठन की कई और ब्रांच हैं. देश के 20 से अधिक राज्यों में इसकी शाखाएं चल रही थी.


कई घटनाओं में PFI का नाम?


पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े लोग आतंकी फंडिंग से लेकर कई दूसरी नफरत फैलाने वाली गतिविधियों में शामिल थे. हाल के कुछ महीनों में पीएफआई का नाम कई उकसावे वाली घटनाओं में आया था. हिजाब को लेकर लोगों को भड़काने से लेकर यूपी के कानपुर में आगजनी की घटना तक में इस संगठन से जुड़े लोगों का नाम आया. सीएए और एनआरसी के खिलाफ आंदोलन के वक्त भी इस संगठन का नाम सामने आया था. इस संगठन के खिलाफ 1400 से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं.


कैसे खड़ा हुआ PFI?


साल 2006 में देश के दक्षिणी राज्य केरल में पीएफआई संगठन की बुनियाद रखी गई थी. ऐसा बताया जाता है कि इस संगठन की नींव नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के तौर पर रखी गई थी. बाद में इसमें कई मुस्लिम संगठन शामिल हुए थे. कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और दक्षिणी राज्य तमिलनाडु के मनीथा नीति पसरई नामक संगठन इसमें शामिल हुए. इन तीनों संगठनों के विलय के बाद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफाई की शुरूआत हुई.  


क्या सिमी का नया रूप था पीएफआई?


राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के सूत्रों का दावा है कि पीएफआई के कई सदस्य पहले स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी सिमी (SIMI) और इंडियन मुजाहिदीन जैसे प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीएफआई नेता अब्दुल रहिमन कथित तौर पर सिमी का राष्ट्रीय सचिव हुआ करता था. पीएफआई में स्टेट सचिव अब्दुल सत्तार भी कुछ इसी तरह के पद के साथ सिमी से जुड़ा था. 


पिछले हफ्ते छापेमारी के दौरान पी कोया, ई अबूबकर और ईएम अब्दुल रहिमन की भी गिरफ्तारी हुई थी, जो इस संगठन का बड़ा नेता माना जाता है. दावा तो ये भी किया जा रहा है कि पीएफआई नेता कथित तौर पर पाकिस्तान स्थित आकाओं के साथ मिलकर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे. उन्हें खाड़ी और मध्य पूर्वी देशों से भी निर्देश मिल रहे थे.


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