नई दिल्ली: साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आज है. सूर्य ग्रहण सुबह सात बजकर उनसठ मिनट से दोपहर एक बजकर पैंतीस सूर्य ग्रहण रहेगा. यानी पांच घंटे छत्तीस मिनट तक दुनिया भर में सूर्य ग्रहण देखा जा सकेगा. सबसे पहले ग्रहण की शुरुआत भारतीय समय के मुताबिक सुबह सात बजकर उनसठ मिनट पर होगी, लेकिन ये ग्रहण को अरब सागर के बीच से ही दिखाई देगा.
धरती पर ग्रहण की शुरुआत सऊदी अरब में होफूफ के पास होगी, लेकिन इस समय वहां सूर्योदय नहीं हुआ होगा. दुनिया में ये सूर्य ग्रहण सबसे पहले भारत की धरती से दिखना शुरू होगा. भारतीय समय के मुताबिक, दोपहर एक बजकर 35 मिनट पर सूर्य ग्रहण समाप्त होगा. इस वक्त ग्रहण उत्तरी प्रशांत महासागर के बीच से दिखाई देगा.
कहीं खुले रहते हैं तो कहीं बंद हो जाते हैं मंदिरों के कपाट
देवघर (झारखंड)
सूर्य ग्रहण को लेकर देवघर के द्वादस ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ का पूजा अर्चना ग्रहण बंद है. सूतक लगने के साथ ही शाम 6 बजे से मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए थे. ग्रहण समाप्ति के बाद ही बाबा बैद्यनाथ का पूजा अर्चना शुरू होगी. देवघर के तीर्थपुरोहित का कहना है की ग्रहण काल की अवधि को सूतक काल माना जाता है और इस समय किसी प्रकार की पूजा या शुभ कार्य नहीं की जाती है. पूजा 11:45 बजे तक बंद रहेगी.
जयपुर (राजस्थान)
जयपुर के प्रसिद्ध मोती डूंगरी गणेश मंदिर के कपाट भी कल शाम सूतक प्रभावी होने के साथ ही बंद कर दिये गए. शाम आठ बजकर तेरह मिनट पर बंद किए गए कपाट. श्रद्धालु ग्रहण खत्म होने के बाद दोपहर में दर्शन कर सकेंगे.
झंडेवालान (दिल्ली)
साल के आखिरी सूर्यग्रहण को देखते हुए दिल्ली के प्रसिद्ध झंडेवालान मंदिर के कपाट भी सूतक लगने के साथ ही श्रृंगार और आरती के बाद बंद कर दिए गए. अब ग्रहण खत्म होने पर ही श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे.
लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
लखनऊ के मंदिर भी कल शाम सूतक लगने के साथ ही बंद कर दिए गए. सेतु हनुमान मंदिर के कपाट शाम 8 बजकर 21 मिनट पर बंद किए गए. ग्रहण खत्म होने पर सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर मूर्तियों को स्नान कराने के बाद श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोला जाएगा मंदिर.
पटना (बिहार)
पटना का खाजपुरा शिव मंदिर के कपाट भी रात 8 बजकर 30 मिनट पर बंद कर दिए गए. अब ग्रहण खत्म होने के बाद खोला जाएगा मंदिर.
वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
वाराणसी में सभी मंदिरों के कपाट सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले आज बंद किए गए. सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है जिससे मंदिर के कपाट बंद कर दिया गया मंदिर में सूर्य ग्रहण के कारण मंदिर के कपाट बंद होने और खुलने के बारे में मंदिर प्रबंधन की तरफ से सुचना भी लगाया गया है. 26 दिसंबर सूर्य ग्रहण के मोक्ष के बाद 11:30 बजे खोला जाएगा. सूर्य ग्रहण के कारण श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का कपाट सुबह 6:00 बजे से दिन के 11:30 बजे तक बंद रहेगा.
मृत्य पर विजय पाने वाले महामृत्यंजय वाराणसी में त्रिपुरारी महामृत्यंजय का एक ऐसा मंदिर जिसका कपाट ग्रहण से पहले सूतक काल मे नही बंद किया जाता है. वाराणसी के प्रमुख मंदिरों में से एक महामृत्युंजय मंदिर इस मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए ग्रहण काल से मात्र कुछ देर पहले बंद किया जाता है.
उज्जैन (मध्य प्रदेश)
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में ग्रहण का कोई असर पड़ने वाला नहीं है. यहां पर भगवान को स्पर्श करने पर जरूर रोक लग जाती है लेकिन मंदिर के पट बंद नहीं होते हैं. श्रद्धालु सतत भगवान के दर्शन करने पहुंचते हैं. ग्रहण के पहले भी भगवान महाकाल से आशीर्वाद लेने वालों की लंबी कतारें लगी हुई है.
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