नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के मद्देनजर देशभर में होने वाले उपद्रव को देखते हुए शुक्रवार को भी देश के अनेक भागों में मोबाइल व इंटरनेट सेवा बाधित रह सकती है. खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक इस उपद्रव में भाग लेने वाले कुछ असामाजिक तत्वों का प्रदर्शन या कानून से कोई लेना देना नहीं है बल्कि इसके पीछे अपना हित साधना है.


इनमें दिल्ली उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश के अलावा कुछ और जगहों के नाम भी शामिल है. खुफिया एजेंसियों ने अब तक पकड़े गए संदेशों की समीक्षा के आधार पर मोबाइल कंपनियों को नए निर्देश जारी करने को कहा है, जिसमें एक दर्जन से ज्यादा जगहों के नाम दिए गए हैं. खुफिया एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जुमे की नमाज को देखते हुए असामाजिक तत्व ज्यादा उपद्रव फैलाने की कोशिश करेंगे, क्योंकि लोगों को यह समझाया जा रहा है कि कानून की आड़ में केंद्र सरकार एक वर्ग विशेष के साथ अन्याय कर रही है.


रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जितने लोग इस उपद्रव में भाग ले रहे हैं उन्हें यह जानकारी ही नहीं है कि यह कानून उनके लिए कहीं से भी घातक नहीं है. खुफिया सूत्रों के मुताबिक देश के विभिन्न भागों में ऐसे गैर शिक्षित लोगों को समझाना बेहद आसान होता है कि कोई भी कानून उनके लिए खतरनाक कैसे हो सकता है. एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा कि दिलचस्प बात यह भी है यह लोग केवल अपने नेता का ही कहना मानते हैं और उसके कहने पर ही प्रदर्शन आदि में भाग लेने आते हैं और एक इशारे पर हिंसा भी शुरू कर दी जाती है.


अधिकारी ने कहा कि अब तक जो जांच हुई हैं उनमें यह बात भी उभर कर सामने आई है की इस भीड़ में जो असामाजिक तत्व आ रहे हैं उनमें कुछ का मकसद इस प्रदर्शन या कानून से नहीं है, बल्कि उनका मकसद केवल इतना है कि इस आपाधापी का लाभ उठाकर उनका कुछ फायदा हो जाए. मसलन एक जगह भीड़ में भगदड़ मचती है तो यह असामाजिक तत्व उसका भी फायदा उठाते हैं और मोबाइल तथा दूसरी कीमती चीजें लूट लेते हैं.


गृह मंत्रालय ने की रिपोर्ट तलब


गृह मंत्रालय ने इस मामले में आज देर शाम पूरे देश की बाबत रिपोर्ट तलब की थी. इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव के साथ विशेष सचिव आंतरिक सुरक्षा भी शामिल थे. बैठक के बाद विशेष सचिव आंतरिक सुरक्षा को स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए गए कि वे अपने संपर्क में रहने वाले तमाम राज्यों के पुलिस अधिकारियों को सूचित कर दें कि किसी भी स्थिति में कानून व्यवस्था की स्थिति ना बिगड़ने पाए. खुफिया एजेंसियों को शक है जुमे की नमाज के बाद कल हिंसा को बढ़ावा मिल सकता है. लिहाजा इसके लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं.