Rajya Sabha Election: राजस्थान में राज्यसभा चुनावों में खरीद फरोख्त की आशंका, कांग्रेस ने एसीबी में दर्ज कराई शिकायत
Horse Trading Of MLA: राजस्थान में राज्यसभा के चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी एंटी करप्शन ब्यूरो पहुंच गई है. कांग्रेस को विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंका है जिसको लेकर उसने एसीबी के दफ्तर में शिकायत की.
Mahesh Joshi at ACB: प्रदेश में साल 2020 में आए सियासी संकट के दौरान सरकार गिराने के षड़यत्र और विधायकों की खरीद-फरोख्त (MLA Horse Trading) के मामले में एसओजी (SOG) और एसीबी (ACB) हुई एंट्री के बाद एक बार फिर राज्यसभा चुनाव (Rajyasabha Elections) में भी एसीबी की एंट्री हो गई है. चार राज्यसभा सीटों पर हो रहे चुनाव में विधायकों (MLAs) की खरीद-फरोख्त की आशंका के चलते कांग्रेस पार्टी (Congress Party) की ओर से कैबिनेट मंत्री और विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी (Cabinet Minister Mahesh Joshi) ने एसीबी मुख्यालय (ACB Headquarter) पहुंच परिवाद दर्ज कराया है. जहां उन्होंने एसीबी डीजी (ACB DG) बीएल सोनी को परिवाद दिया.
इस मौके पर मंत्री महेश जोशी ने कहा कि इन दिनों सोशल मीडिया और अनेक प्रकारों से यह आंशका व्यक्त की जा रही है कि राज्यसभा के चुनावों में धनबल का भारी खेल हो सकता है, जो लोकतंत्र को कमजोर करता है.
निर्दलीय प्रत्याशी को बीजेपी का समर्थन
साथ ही उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि कोई निर्दलीय राज्यसभा का चुनाव लड़ रहा है और बीजेपी का उनको सपोर्ट है ऐसे में उनके समर्थन में विधायक आएंगे भी तो सिर्फ और सिर्फ हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए ही आ सकते है और इसकी संभावना लगातार बनी हुई है. वो विधानसभा में सरकारी मुख्य सचेतक है ऐसे में उनकी जिम्मेदारी है कि वो इसको लेकर एसीबी को सचेत करें इसलिए एसीबी में उन्होंने शिकायत दी है. वही अब एसीबी में खरीद फरोख्त का मामला पहुंचने के बाद राजस्थान की सियासत में घमासान होना तय है.
सुभाष चंद्रा लड़ रहे निर्दलीय चुवाव
सुभाष चंद्रा (Subhash Chandra) राजस्थान से निर्दलीय (Independent) चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन उन्हें बीजेपी (BJP) का सर्मथन हासिल है. 200 विधानसभा सीटों में से 71 विधायक बीजेपी के हैं. वहीं बीएसपी (BSP) ने अपने 6 विधायकों से सुभाष चंद्रा को वोट देने के लिए कहा है. हालांकि ये 6 विधायक कांग्रेस (Congress) में शामिल हो गए थे लेकिन इन लोगों ने बीएसपी के चुनाव चिन्ह पर ही अपनी सीट जीती थी ऐसे में मायावती (Mayavati) व्हिप जारी कर दिया ऐसे में ये लोग व्हिप के अनुसार काम करने के लिए बाध्य हैं. अगर ये लोग ऐसा नहीं करते हैं तो इनके खिलाफ उचित कार्रवाई के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं.
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