India-China Clash: अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के मामले पर मंगलवार (13 दिसंबर) को हंगामा होना तय है. इस मुद्दे पर कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने सीधे मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को जब संसद की कार्यवाही शुरू होगी तो तवांग की घटना की छाया दोनों सदनों में देखने को मिलेगी. 


इसको लेकर संकेत कांग्रेस पार्टी की ओर से तब आया जब पार्टी के मीडिया प्रभारी और सांसद जयराम रमेश ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर चीन सीमा पर घट रही घटनाओं को दबाने की कोशिश करने का आरोप जड़ दिया. वहीं पार्टी सांसद रणदीप सुरजेवाला ने इस मुद्दे पर पीएम मोदी से संसद के दोनों सदनों में बयान देकर स्थिति साफ करने की मांग की है. 


भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर पहले से मांग


दरअसल संसद सत्र शुरू होने के पहले से ही कांग्रेस भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर संसद में बहस करने की मांग कर रही है. पिछले हफ़्ते कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष की साझा बैठक में जिन 22 मुद्दों को उठाने का फैसला किया गया था, उनमें बाहरी ताकतों से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा और भारतीय सीमा में चीनी घुसपैठ का मुद्दा पहले नंबर पर रखा गया था. इतना ही नहीं, 7 दिसंबर को जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दोनों सदनों में विदेश नीति पर बयान दिया था, तब भी कांग्रेस सदस्यों की ओर से चीन सीमा पर तनाव और घुसपैठ की स्थिति साफ करने की मांग की गई थी.  
 
विदेश मंत्री ने दिया था बयान


कांग्रेस के सदस्यों का जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने कहा था "हम हमेशा इस विचार के हैं कि, अगर चीन एकतरफा सीमा को बदलने का प्रयास करता है या सीमा पर अपनी फौज की तैनाती करता है तो हमारे संबंध सामान्य नहीं हो सकते, ये असामान्य स्थिति पिछले कुछ समय से दिख रही है. हमारे मिलिट्री कमांडर के बीच बातचीत होती रही है. ये संवेदनशील मसला है, उन्हें (मिलिट्री कमांडर) ही इसे हैंडल करने देना चाहिए."


लेकिन ताजा घटना से विपक्ष को एक बार फिर सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया है. सूत्रों के मुताबिक इस मसले पर सरकार की ओर से संसद में एक बयान दिया जा सकता है. हालांकि इस पर अंतिम फैसला कल मंगलवार को ही होगा.


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