नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट की बल्ले-बल्ले है. सबसे ज्यादा डिजिटल लेनदेन सामान्य फोन के जरिए USSD के इस्तेमाल से हुआ है. नोटबंदी के बाद से सरकार लगातार डिजिटल यानी कैशलेस पेमेंट को बढ़ावा देने की बात कर रही है. डिजिटल लेन-देन पर इनाम और डिस्काउंट भी दिए जा रहे हैं. अब इनके नतीजे भी दिखने लगे हैं.


सूचना और तकनीक मंत्रालय के ताजा आंकड़े बताते हैं कि 8 नवम्बर से पहले क्रेडिट या डेबिट कार्ड के जरिए प्वाइंट ऑफ सेल्स मशीन यानी POS मशीन पर औसतन हर दिन 1221 करोड़ रुपये का लेन-देन होता था. बीते 26 दिसंबर को ये लेनदेन बढ़कर 1 हजार 751 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. यानी इसमे 43 फीसदी का इजाफा हुआ है.
इसी तरह ई-वॉलेट पर औसत लेन-देन 88 करोड रुपये था जो अब 293 करोड़ रुपये पर आ गया. यानी इसमे 233 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वहीं रुपे कार्ड पर औसत लेन-देन 621 फीसदी बढ़कर 39 करोड़ रुपये से 282 करोड़ रुपये पर पहुंचा.

USSD तकनीक के इस्तेमाल में 5014 फीसदी की बढ़ोतरी

लेकिन सबसे ज्यादा हैरान करने वाले आंकड़े USSD तकनीक से लेन-देन का है, जो 1 लाख रुपये से 67 लाख रुपये पर पहुंच गया. यानी इसके इस्तेमाल में तो 5014 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. ध्यान देने की बात ये है कि USSD तकनीक का इस्तेमाल साधारण फोन पर होता है. इस तरह की तकनीक के जरिए बगैर स्मार्ट फोन के आप डिजिटल लेन-देन कर सकते हैं.

सरकार ने डिजिटल पेमेंट की व्यवस्था को ज्यादा से ज्यादा दुकानदारों तक पहुंचाने के लिए नई मुहिम भी शुरु की है. व्यापारी संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के साथ मिलकर 1 हजार छोटे-बड़े शहरों में 1 करोड़ से ज्यादा व्यापारियों को डिजिटल माध्यम में लेन-देन की ट्रेनिंग दी जाएगी.