नई दिल्ली: चेन्नई इस वक़्त गंभीर पानी की समस्या से जूझ रहा है. शहर के आसपास सभी झील सूख चुकी है. पानी की समस्या के इस हालत को देखते हुए जहां मुख्यमंत्री के पलानीसामी ने केरल से 20 लाख लीटर प्रति दिन पानी मांगने की बात कही है तो वहीं वेल्लूर जिले से भी प्रति दिन 10 मिलियन लीटर  पानी चेन्नई ट्रेन के जरिए लाने की प्लानिंग है. इस बाबत चेन्नई के विल्लिवाक्कम रेलवे यार्ड में रेलवे और मेट्रो के ऑफिशियल्स ने पहुंच कर रेकी किया है.


मुख्यमंत्री द्वारा पानी को वेल्लूर के जोलारपेट्ट से चेन्नई के विल्लिवाक्कम तक रेल के जरिए लाया जाएगा. इस पानी को पाइपलाइन के जरिए शहर में भेजने की प्लानिंग की गई है लेकिन पाईप इस वक़्त पुराने और टूटे हुए है. वहां मौजूद इंजीनियर ने बताया कि इंस्पेक्शन के बाद रिपोर्ट हॉयर अथॉरिटी को सौंपी जाएगी. जिसके बाद फैसला लिया जाएगा. साफ है सरकार की ओर से जल्द से जल्द लोगों को पानी की समस्या से थोड़ी राहत देने के लिए सारे कदम उठाए जा रहे हैं.


पानी की इस गंभीर समस्या पर हो रही है राजनीति


पानी की इस गंभीर समस्या पर राजनीति भी खूब तेज़ हो गई है. एक ओर विरोध प्रदर्शन तो दूसरी ओर पोस्टर पॉलिटिक्स चल रही है. जगह जगह राजनीतिक दल अपनी ओर से मुफ्त पानी के टैंकर तो जनता को भेज रही है लेकिन उस पर बड़े-बड़े पोस्टर्स के जरिए अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रही है. तस्वीरों में रजनीकांत के रजनी क्लब द्वारा भेजे गए टैंकर पर रजनी मन्द्रम का बड़ा सा पोस्टर लगा है. रजनीकांत ने भले ही राजनीतिक पार्टी नहीं बनाई हो लेकिन राजनीति में आने की घोषणा कर चुके हैं.





वहीं दूसरी तस्वीर में डीएमके के नेता स्टालिन और उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि की तस्वीर लगी है.



बता दें कि इससे पहले स्टिकर पॉलिटिक्स चेन्नई में बाढ़ के वक़्त देखा गया था जब राहत सामग्री पर अम्मा के फोटो चिपकाए गए थे. साफ है तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव भले ही 2021 में हो, पानी पर राजनीति कर हर पार्टी इस वक़्त अपना ग्राउंड मजबूत करने में लगा है.


पानी की किल्लत का असर ''अम्मा मिनरल वॉटर'' प्रोजेक्ट पर भी दिखा


इस बीच चेन्नई में पानी की इस समस्या का असर पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के ''अम्मा मिनरल वॉटर'' प्रोजेक्ट पर भी देखा जा रहा है. ये वहीं प्रोजेक्ट है जिसमें लोगों को महज 10 रुपए में मिनरल वॉटर दिया जाता है. टी नगर डिपो पर मौजूद इस अम्मा मिनरल वाटर स्टैंड की देखभाल करते दुरई ने बताया कि पानी की इस समस्या से वॉटर बॉटल की संख्या में भी कमी आयी है. लगभग 20% सप्लाई अब कम हो गई है. पहले यदि एक बॉक्स में 100 बॉटल होती थी तो अब केवल 80  है. जिससे कुछ दिन पहले पानी नहीं होने के कारण स्टैंड ही बंद करना पड़ा था.


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