पटना: बिहार में चुनाव से पहले ही जेडीयू और आरजेडी के बीच पोस्टर वॉर शुरू हो गया है. पिछले दिनों एक पोस्टर लगा था जिसमें गिद्ध तो दूसरी तरफ कबूतर की तस्वीर छपी हुई थी. वहीं शहर में कई जगह पोस्टर लगे हैं, जिसमें आरजेडी के शासन को कुशासन और जेडीयू के शासन को सुशासन के रूप में दिखाया गया है. नए साल में पटना के चौराहों पर नीतीश कुमार बनाम लालू-राबड़ी के शासन का पोस्टर चर्चा का विषय बना हुआ है.


इस पोस्टर में लालू यादव अपनी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के साथ में दिखाई दे रहे हैं. जिसमें राबड़ी देवी लालू यादव के कानों में कुछ कहती हुई नजर आ रही हैं, और इस पोस्टर में लालू के शासन को कुशासन के रूप में दिखाया गया है.


इस पोस्टर में लालू की फोटो के साथ खराब सड़कें, गाय, भैंस के साथ लालू का कार्टून दिख रहा है, जबकि नीतीश कुमार के फोटो के साथ सड़कें, ओवरब्रिज, रौशनी की तस्वीरें छपी हैं. हालांकि अभी ये पता नहीं लग पाया है कि ये पोस्टर्स किसने लगवाए हैं. इस पोस्टर में निवेदक या बनवाने वाले का पता ठिकाना नहीं दिया गया है.


इससे पहले भी पटना में इस तरह के पोस्टर देखे गए जिसमें गिद्ध और कबूतर की तस्वीर छपी थी. इस पोस्टर में कबूतर के साथ नीतीश कुमार की फोटो छपी थी और उसके ठीक सामने एक गिद्ध की तस्वीर को छापा गया था.


इस पोस्टर को भय बनाम भरोसा का नाम दिया गया था. इस पोस्टर का सार यही है कि नीतीश शांति और भरोसे के प्रतीक हैं. वहीं गिद्ध की तस्वीर नीतीश के पहले के 15 साल के शासनकाल यानी आरजेडी का प्रतीक बताई जा रही हैं. हालांकि इसमें लालू राबड़ी की तस्वीर नहीं थी.


इस पोस्टर के सामने आने के बाद जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा था कि, "1990 से लेकर 2005 तक यानी 15 साल तक पति-पत्नी का राज था. नीतीश कुमार का टेन्योर 2005 से 2020 तक होगा. एक तरफ भय एक तरफ भरोसा है. जिसके ऊपर कबूतर है वहां पर भरोसा है. वहीं भय पर आपको गिद्ध दिखेगा. बिहार की जनता गिद्ध की आंखों से 1990 से 2005 के बीच देख रही थी. हमारा शांति का प्रतीक कबूतर है."


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