बंगाल के गांव में BJP कार्यकर्ताओं के सामाजिक बहिष्कार के बंटे पोस्टर, TMC ने बताया साजिश
बीजेपी ने दावा किया है कि ताजा घटना किसी बड़ी घटना की झलक मात्र है क्योंकि टीएमसी राज्य में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर अत्याचार कर रही है. इस मामले में वित्त मंत्री ने ममता बनर्जी सरकार से पश्चिम बंगाल के सभी नागरिकों की रक्षा करने की अपील की है.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के एक गांव में बीजेपी कार्यकर्ताओं के सामाजिक बहिष्कार के लिए एक फरमान जारी किया गया है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि उसके कार्यकर्ताओं और समर्थकों पर विभिन्न प्रकार के अत्याचार किए जा रहे हैं. सामाजिक बहिष्कार के अलावा हमले भी किए जा रहे हैं. वहीं टीएमसी ने दावा किया कि इसका पोस्टरों से कोई लेना देना नहीं है और इस मामले के पीछे खुद बीजेपी है.
जानकारी के मुताबिक राज्य के पश्चिम मेदिनीपुर जिले के तृणमूल कांग्रेस की 176 और 179 बूथ कमेटियों के जरिए ‘महिषदा सर्बभारतीय तृणमूल कांग्रेस’ नाम से पोस्टर जारी किया गया है. इस पोस्टर में कोई तारीख, किसी का हस्ताक्षर या कोई ऑफिस का नंबर नहीं है. इसमें बीजेपी के 18 कार्यकर्ताओं को कोई सामान नहीं बेचने के लिए फरमान जारी किया गया है. पोस्टर में दुकान मालिकों को उन निर्देशों का पालन नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की धमकी भी दी.
वहीं बीजेपी ने दावा किया है कि ताजा घटना किसी बड़ी घटना की झलक मात्र है क्योंकि टीएमसी राज्य भर में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर अत्याचार कर रही है. इस मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ममता बनर्जी सरकार से पश्चिम बंगाल के सभी नागरिकों की रक्षा करने की अपील की है.
This is shocking. Would urge CM @MamataOfficial to see that ALL citizens in West Bengal are protected and not ostracised or denied the basics. Otherwise, a true shame. https://t.co/RnHYo6J6xN
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) June 5, 2021
वहीं बीजेपी के राज्यसभा सदस्य स्वपन दासगुप्ता ने ट्वीट कर कहा है कि सक्रिय बीजेपी कार्यकर्ताओं को लोकतांत्रिक ढांचे में अवैध घोषित कर दिया गया है. कार्यकर्ताओं के मनोबल और आर्थिक रीढ़ को तोड़ने का विचार है. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट में कहा कि यह असहिष्णुता नहीं है, यह फासीवाद है. अफसोस की बात है कि ममता बनर्जी आज हत्या, अत्याचार और हिंसा की प्रतीक बन गई हैं.
The blacklist prepared by local unit of ruling party in W Bengal isn’t unique. Being active BJP workers of has been outlawed in the secular inquisition. The idea is to break the morale & the economic backbone of karyakartas, using the cover of media silence & police complicity. https://t.co/CBlbVkZSyn
— Swapan Dasgupta (@swapan55) June 5, 2021
वहीं तन्मय घोष ने कहा, 'यह रोज की घटना है. BJP का हर गांव में मार-पीटकर बहिष्कार किया जा रहा है. यह आम बात हैं कि कोई जीतेगा और कोई हारेगा लेकिन उसका मतलब यह नहीं हैं कि आप लोगों पर इस तरह अत्याचार करोगे. जिसकी शुरुआत होती है उसका अंत भी होता है. इतिहास में कभी इस अत्याचार को माफ नहीं किया जाएगा.'
दूसरी ओर क्षेत्र के टीएमसी सांसद (घाटाल संसदीय क्षेत्र) देब (दीपक अधिकारी) ने कहा है कि उन्होंने इस बारे में इलाके के पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से बात की है. पता चला है कि इस तरह का कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है. दूसरी ओर केशपुर की पुलिस ने मामले में स्वत संज्ञान लेते हुए अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.
🙏🏻🙏🏻🙏🏻 https://t.co/pJhiwAoFXR pic.twitter.com/a2MQQ9X9ZE
— Dev (@idevadhikari) June 4, 2021
वहीं टीएमसी नेता उत्तमानंद त्रिपाठी ने कहा कि यह घटना साजिश है. उन्होंने कहा, 'हमने सुना की महिषदा गांव में 18 कार्यकर्ताओं का बहिष्कार किया गया हैं. यह TMC के तरफ से किया गया है ऐसा सुनने में आया है. उस पोस्टर में लिखा है महिषदा ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस. इसी से लगता है कि यह BJP की साजिश हैं. अगर इसकी जगह ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस, महिषदा बूथ लिखा होता तब हम समझते की यह टीएमसी की ओर से दिया गया हैं. BJP ने कई बार इस तरह की साजिश करने की कोशिश की हैं. ऐसी घटना चुनाव से पहले भी हुई थी. इसमें TMC का कोई हाथ नहीं हैं.
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