त्योहारों के बीच आलू हुआ दुश्वार, लोगों को रुला रहा है प्याज का दाम
देशभर में नवरात्री का पर्व मनाया जा रहा है, जिसमें सादा खान पान ही किया जाता है और प्याज़-लहसुन का त्याग कर दिया जाता है. इस बीच सब्ज़ियों के बढ़ते दामों ने लोगों को चिंता में डाल दिया है.
नई दिल्ली: देशभर में त्यहारों का उत्साह है, नवरात्री का पावन पर्व मनाया जा रहा है लेकिन इस बीच बढ़ती महंगाई त्यहारों के रंग में भंग डाल रही है. आम लोगों के लिए महंगाई परेशानी का सबब बन रही है. पहले से ही आम व्यक्ति कोरोना की मार झेल रहे हैं और उसके साथ महंगाई की भी मार झेलनी पड़ रही है. जहां सभी चीज़ों की क़ीमतों में बढ़ोतरी नजर आ रही है, वहीं सब्ज़ियों के दाम भी आसमान छू रहें हैं.
देशभर में नवरात्री का पर्व मनाया जा रहा है, जिसमें सादा खान पान ही किया जाता है और प्याज़-लहसुन का त्याग कर दिया जाता है. इस बीच सब्ज़ियों के बढ़ते दामों ने लोगों को चिंता में डाल दिया है. दामों में कुछ रुपए की बढ़ोतरी ही आम लोगों की जेबों पर दबाव डालती है. नवरात्र में सबसे ज़्यादा सेवन किए जाने वाले आलू के दामों ने लोगों को आलू त्यागने पर ही मजबूर कर दिया है. नवरात्री के 9 दिनों में सबसे ज़्यादा आलू की खपत होती है. आलू के पापड़, भुजिया और पूरी बनाई जाती है. लोग व्रत में आलू या फलहार करते हैं. अब ऐसे में आलू की कीमतें आसमान छू रहीं हैं. आलू की सब्ज़ी का लोग उदहारण देतें हैं के वो किसी भी सब्ज़ी में मिल जाती है. लेकिन अब नौबत ये आ गई है के आलू ही लोगों की थालियों से ग़ायब होने लगा है. आलू खा कर जो ग़रीब अपना पेट भर लिया करता था आज वो आलू खरीदने के लिए सौ बार सोच रहा हैं. स्टॉक कम होने से बढ़े हैं दाम
दिल्ली की सबसे बड़ी मंडी आज़ादपुर में सबसे आलू की क़ीमत 30-40 रुपए किलो मिल रही है. उत्तरप्रदेश से आने वाले स्टोर के आलू की क़ीमत 30-35 रुपए किलो. वहीं हिमाचल से आने वाले आलूओं की क़ीमत 32-40 रुपए किलो. आज़ाद पुर आलू की मंडी के वाईस प्रेजिडेंट अशोक अरोरा ने आलू के दामों में बढ़ोतरी की वजह बताई उनका कहना था के नए आलू और स्टोर के आलूओं में गैप आ रहा है. मांग ज़्यादा है और सप्लाई कम है. वहीं नवरात्रि में आलू की खपत भी ज़्यादा होती है. दूसरा मौसम की भी मार् फसलों के ऊपर पड़ी है नवम्बर में आलू की नई फ़सल आने के उम्मीद है जिसके बाद दाम कम होंगे.
आलू 3797 - सब्ज़ी बनाने के काम आता है - क़ीमत - 32 रुपए किलो चिप्सोना आलू - चिप्स तलने टिक्की बनाने के काम आता है - 35 सूर्या आलू - 40 रुपए किलो सबसे अच्छा खाने में.
वहीं रिटेल में आलू की क़ीमत आसमान छू रही है. सबसे सस्ता छोटा पहाड़ी आलू 40-50 रुपए किलो में बिक रहा है वहीं शिमला के आलू और बड़े आलूओं की क़ीमत 70-80 रुपए किलो की है.
नवरात्री के बावजूद नहीं है प्याज़ के दामों में राहत
नवरात्री का पर्व चल रहा है 9 दिन ताक माँ दुर्गा के अलग अलग रूपों को पूजा जाता है. लोग प्याज़ और लहसुन का सेवन त्याग कर सात्विक भोजन करतें हैं उसके बाद भी बाज़ारों में प्याज़ की क़ीमते आसमान छू रही है. देश की सबसे बड़ी होल सेल की मार्किट महारष्ट्र के लास्ल गाँव में प्याज़ की क़ीमत 55-69 रुपए किलो है. वहीं पुणे की थोक की मंडियों में ये क़ीमत 50-55 रुपए किलो है. एम.पी से दिल्ली आने वाली प्याज़ की क़ीमत 40-55 रुपए किलो के बीच है.आज़ाद पुर में एम.पी से आने वाली ये प्याज़ 40-55 रुपए किलो बिक रही है. नासिक की प्याज़ की क़ीमत 50-55 रुपए प्रति किलो है. दीपक जो प्याज़ के व्यपारी हैं वो बयाये हैं के मौसम की वजह से प्याज़ की फसल ख़राब हो गई. नवंबर में लोगों को राहत मिलती लेकिन बारिश ने फ़सल ख़राब कर दी और अलवर की फ़सल आने पर भी कोई खास राहत नहीं होगी.प्याज़ के दाम अगले दो महीनें तक ऎसे ही बढ़ेंगे. अगली फसल नासिक की जब दो महीनें बाद आएगी तब ही राहत मिलने की कोई उम्मीद है.
टमाटर के दाम भी कुछ कम नहीं
जहां प्याज़ और आलू के दाम आसमान छू रहें हैं वहीं टमाटर के दाम भी कुछ कम नहीं नज़र आ रहें हैं. टमाटर के दाम बढ़ने नहीं है लेकिन एक महीनें से 40 रुपए किलो से ऊपर चल रहें खुदरा बाज़ारों में.
हाई वेट बंगलौर के टमाटर की क़ीमत - 35-40 रुपए किलो वहीं देसी टमाटरों की क़ीमत थोक में -45 रुपए किलो बिक रही है. मुख्यता बंगलौर, हिमाचल और कर्नाटक से टमाटर आते हैं कर्नाटक की फ़सल आने के बाद दाम कम होंगे और टमाटर सस्ता होगा.
लोगों का कहना है के महंगाई ने त्यौहार का मज़ा फिका कर दिया है. कोटला में रहने वाली बरखा की नौकरी जा चुकी है इस लॉकडाउन के बीच में और उनका 8 लोगों का परिवार है. 8 लोगों के परिवार में केवल दो ही लोग कमाने वाले हैं.
बरखा ने कहा, ''नवरात्री में प्याज़ नहीं खरीद रहे हैं प्याज़ महंगी है. आलू की चाट, पूरी, भुजिया बनाते हैं. महंगाई काफ़ी है. क्या करेंगे महंगाई तो है काम भी नहीं है जो भी छुट्टी है अब क्या करें एडजस्ट कर रहे हैं जैसे कर पा रहे हैं. पहले 3 किलो ले जाते थे आप ज्यादा से ज्यादा 1 किलो ले जाते हैं. इस बार टमाटर 1 किलो लेकर के जाते हैं. फैमिली काफी बड़ी है एड्रेस करना काफी मुश्किल है ना पैसा है ना जॉब है. नवरात्र के बाद खाएंगे.''