(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Power Crisis: घंटों की लोड शेडिंग ने बढ़ाई टेंशन, राज्यों पर सरकारी कोयला कंपनियों का करोड़ों रुपया बकाया
Power Crisis in India: एक तरफ जहां भीषण गर्मी ने लोगों को परेशान कर रखा है वहीं सूत्रों का कहना है कि राज्य की बिजली उत्पादन कंपनियों पर सरकारी कोयला कंपनियों का करोड़ों रुपया बकाया है.
Power Crisis in India: भीषण गर्मी के बीच देश के कई राज्यों में बिजली की कमी के चलते लोग परेशान हैं. कई राज्यों से घंटो लोड शेडिंग की खबरें आ रही हैं. इसकी एक बड़ी वजह बिजली उत्पादन कम्पनियों को कोयला की कमी बताई जा रही है. इस बीच सरकार के सूत्रों का कहना है कि राज्य की बिजली उत्पादन कंपनियों पर सरकारी कोयला कंपनियों का करोड़ों रुपया बकाया है.
सूत्रों के मुताबिक कोयला कम्पनियों का सबसे ज़्यादा बकाया महाराष्ट्र की राज्य बिजली उत्पादन कम्पनी है. राज्य की बिजली कम्पनी पर कोल इंडिया कम्पनी का 2608 रुपया बकाया है. इनमें 2591 करोड़ रुपया वो है जिनपर कोई विवाद भी नहीं है. इसके बाद पश्चिम बंगाल का नम्बर आता है और राज्य की बिजली उत्पादन कम्पनी पर कोल इंडिया लिमिटेड का 1066 करोड़ रुपया बकाया है.
इसी तरह झारखंड सरकार की इकाई तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड पर भी कोल इंडिया लिमिटेड का 1018 करोड़ रुपया बक़ाया है. चौथे नम्बर पर तमिलनाडु सरकार की बिजली उत्पादन कम्पनी है जिसपर कोल इंडिया लिमिटेड का 823 करोड़ रुपया बकाया है. इसके अलावा मध्यप्रदेश की बिजली उत्पादन कम्पनी पर भी कोल इंडिया का 533 करोड़ रुपया बकाया है. बिजली की गम्भीर कमी से जूझ रहे राजस्थान की भी सरकारी बिजली उत्पादन कम्पनी पर कोल इंडिया कम्पनी का 429 करोड़ रुपया बकाया है.
महाराष्ट्र और बंगाल में कोयला कम्पनियों का बक़ाया बहुत ज़्यादा
हालांकि कोल इंडिया कम्पनी का कहना है कि महाराष्ट्र और बंगाल जैसे राज्यों पर कोयला कम्पनियों का बक़ाया बहुत ज़्यादा है लेकिन इन राज्यों को कोयले की आपूर्ति में कभी कोई कमी नहीं की गई. कोल इंडिया का कहना है कि राज्यों की मांग और रेक की उपलब्धता के मुताबिक़ कोयले की पर्याप्त सप्लाई की जा रही है.
वैसे सूत्रों के मुताबिक़ बंगाल की सरकारी बिजली उत्पादन कम्पनियों के पास अपने कोयला खदान हैं जो उसकी कोयला ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है जिससे बिजली उत्पादन होता है. उधर दक्षिण के राज्यों को कोयला मुहैया कराने वाली कम्पनी सिंगरेनी कोलियरीज कम्पनी लिमिटेड पर भी तमिलनाडु , कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों पर 1000 करोड़ रुपए से ज़्यादा का बकाया है.
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