Power Crisis in India: दिल्ली-यूपी सहित देश के इन राज्यों में गहराया बिजली संकट, जानें क्या कर रही है सरकार- बड़ी बातें
Power Crisis: केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय राज्यों में बिजली संकट के लिए उनके कोयला आयात को लेकर 'लचर' रवैये को जिम्मेदार ठहरा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ राज्य महंगे कोयले और ढुलाई को दोष दे रहे हैं.
Power Crises in India: पिछले कुछ दिनों से पूरे देश मे भीषण गर्मी के बीच लोग बिजली संकट से जूझ रहे हैं. इस बिजली किल्लत की वजह से देश में कोयले की कमी. एक तो भीषण गर्मी ऊपर से देश के कई राज्यों में घंटों हो रही बिजली कटौती से और भी बुरा हाल है. इस समय पूरे देश में बिजली की मांग रिकॉर्ड ऊंचाइयों पर हैं. वहीं केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच भी बिजली को लेकर नोकझोंक जारी है. एक तरफ जहां केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय राज्यों में बिजली संकट के लिए उनके कोयला आयात को लेकर 'लचर' रवैये को जिम्मेदार ठहरा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ राज्य महंगे कोयले और ढुलाई को दोष दे रहे हैं. विपक्ष भी ऐसे में कहां चूकने वाला है और बिजली संकट पर केंद्र को लगातार घेरने में लगा है. आइए आपको बताते हैं देश की राजधानी दिल्ली सहित इन बड़े राज्यों में बिजली संकट को लेकर मौजूदा स्थिति क्या है.
दिल्ली में बिजली संकट, सीएम केजरीवाल ने किया था ट्वीट
देश की राजधानी दिल्ली में भी बिजली संकट के बादल मंडरा रहे हैं. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया था, ‘देश भर में बिजली की भारी समस्या हो रही है. अभी तक दिल्ली में हम किसी तरह से प्रबंधन कर रहे हैं. पूरे भारत में स्थिति बेहद गंभीर है. हम सबको मिलकर जल्द ही इसका समाधान निकालना होगा. इस समस्या से निपटने के लिए त्वरित ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है.’ हालांकि एनटीपीसी ने केजरीवाल के ट्वीट पर कहा कि उनके पास दादरी की 6 इकाइयां और ऊंचाहार की 5 इकाइयां पूरी क्षमता से चल रहीं हैं. एनटीपीसी ने ट्वीट किया, ‘दादरी की सभी छह इकाइयां और ऊंचाहार की 5 इकाइयां पूरी क्षमता से चल रही हैं और नियमित कोयला आपूर्ति प्राप्त कर रही हैं. वर्तमान भंडार क्रमश: 1,40,000 मीट्रिक टन और 95,000 मीट्रिक टन है और आयातित कोयले की आपूर्ति भी होने वाली है.’
यूपी में बिजली की कमी पर चिंतित हुए सीएम योगी, अमित शाह से की मुलाकात
उत्तर प्रदेश भी बिजली संकट से अछूता नहीं है. यूपीपीसीएल के अनुसार मांग की तुलना में 8 फीसदी बिजली का संकट है. राज्य में बिजली की मांग बढ़कर 21 हजार मेगावॉट हो गई है जबिक उपलब्धता सिर्फ 19 हजार मेगावॉट की है. यहां भी कई प्लांट में कोयले की कमी से बिजली की समस्या खड़ी हो रही है. इस संकट को लेकर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भी चिंतित हैं. यही वजह है कि शनिवार को अपने दिल्ली दौरे के दौरान उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर इस पर विस्तार से चर्चा की. रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर चर्चा की, लेकिन सबसे अहम टॉपिक बिजली संकट का रहा. उन्होंने अमित शाह से जल्द ही इस समस्या के समाधान की मांग की.
बिहार पर भी बिजली संकट की मार
बिहार भी बिजली संकट की मार से अछूता नहीं है यहां पर कोयले के संकट के कारण एक हजार मेगावॉट बिजली का संकट है. राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंन्द्र प्रसाद यादव का कहना है कि नबीनगर थर्मल प्लांट शुरू होने के बाद स्थिति ठीक हो जाएगी. कहा जाता है कि बिहार में खुले बाजार से 1200-1400 मेगावाट बिजली की खरीदारी हर रोज की जाती है. फिलहाल मौजूदा समय बोली लगाने के बावजूद खुले बाजार से बिहार को 100 मेगावाट भी बिजली नहीं मिल पा रही है. अगर खुले बाजार में बिजली नहीं मिल पाती है तो फिर बिहार के लिए ये संकट बना रहेगा.
मध्य प्रदेश में बिजली संकट से बुरा हाल
मध्य प्रदेश में बिजली का संकट अभी भी बना हुआ है. ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी चार से छह घंटे बिजली कटौती की जा रही है. हालांकि सरकार डिमांड और सप्लाई में 571 मेगावाट कमी की बात कर रही है जबकि बिजली के जानकार 1500 से 2000 मेगावाट बिजली कम होने की बात कर रहे हैं. शुक्रवार को मध्य प्रदेश में पीक ऑवर में 12 हजार 533 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की गई. इस वक्त मध्य प्रदेश के चार थर्मल पावर प्लांट में सिर्फ 2 लाख 60 हजार 500 मिट्रिक टन कोयला ही मौजूद है. फुल कैपिसिटी में पावर प्लांट चलाने के लिए प्रतिदिन कोयले की खपत 80 हजार मिट्रिक टन होती है. इस हिसाब से पावर प्लांट में सिर्फ साढ़े तीन दिन का कोयला है. लेकिन पूरी क्षमता से थर्मल पावर प्लांट न चलाने की वजह से शुक्रवार को सिर्फ 58 हजार मिट्रिक टन कोयला खर्च हुआ जबकि 68 मिट्रिक टन कोयला पावर प्लांट्स में आया.
हरियाणा में कांग्रेस का हमला
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने रविवार को आरोप लगाया कि हरियाणा बिजली संकट का सामना कर रहा है, क्योंकि मनोहर लाल खट्टर नीत बीजेपी सरकार एक निजी कंपनी के साथ विद्युत खरीद समझौता लागू नहीं कर सकी और उलटा प्रतिदिन करीब 114 लाख यूनिट बिजली उसे दे रही है. हरियाणा के पूर्व ऊर्जा मंत्री सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि बिजली की अपर्याप्त आपूर्ति की वजह से ग्रामीण और शहरी उपभोक्ता तथा औद्योगिक क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और रोजाना 12 से 20 घंटे बिजली कटौती हो रही है.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि राज्य को अदानी पावर, मुंद्रा, गुजरात से 2021 से समझौते के तहत 1,424 मेगावाट बिजली नहीं मिल रही है.
यह भी पढ़ेंः
Indo-China Controversy: सीमा-विवाद पर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे की चीन को नसीहत, कह दी ये बड़ी बात
PIL in Delhi HC: '12वीं कक्षा तक हो एक समान एजुकेशन सिस्टम', दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल