Power Crisis in Delhi: देश की राजधानी दिल्ली में भी कोयला संकट गहरा गया है. दिल्ली सरकार के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन दावा किया है कि इस वक्त राजधानी में कोयले की बहुत ज्यादा कमी है और ज्यादातर प्लांट में दो-तीन दिन का ही स्टॉक बचा है. वहीं, कल राज्य के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर आंखे मूंद लेने का आरोप लगाया था. दिल्ली में कोयला संकट के बीच जानिए बिजली आपूर्ति से जुड़े इन 4 सवालों के जवाब.


सवाल-जवाब


1- दिल्ली को कितनी बिजली आपूर्ति की ज़रूरत रोज़ाना होती है?


दिल्ली की पिक डिमांड इन दिनों 7400 MW पर गई थी, कल पिक डिमांड 4562 MW थी, इसके बावजूद पूरी सप्लाई नहीं मिल रही है.


2- केंद्र सरकार के कौन-कौन से प्लांट से कितनी मेगावाट बिजली आपूर्ति का कर रहा है?


केंद्र के NTPC के प्लांट्स से दिल्ली को करीब 4 हजार MW की सप्लाई मिलती है. अभी इसमें से सिर्फ 55 फीसदी सप्लाई ही मिल रही है, कमी को पूरा करने के लिए दिल्ली के तीनों गैस प्लांट्स चला रहे हैं.


3- दिल्ली के 3 हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट से कितना बिजली उत्पादन होता है?


तीनों प्लांट्स की 1900 MW पूरी कैपेसिटी है. अभी 1300 MW का प्रोडक्शन हो रहा है.


4- मौजूदा संकट में कितनी बिजली मिल पा रही है, या इसमें कितनी कमी आई है?


NTPC के प्लांट्स से सप्लाई में 55 फीसदी की कमी आई है.


ज्यादातर प्लांट में 2-3 दिन का स्टॉक बचा- ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन


बता दें कि ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है, 'किसी भी पॉवर प्लांट में कोयले का 15 दिन से कम का स्टॉक नहीं होना चाहिए. अभी ज्यादातर प्लांट में 2-3 दिन का स्टॉक बचा है. NTPC के सारे प्लांट 55-50 फीसदी क्षमता पर काम कर रहे हैं. इस समय कोयले की बहुत बड़ी समस्या है.’’


यह भी पढ़ें-


Explained: देश में कोयला संकट की हकीकत जानिए, क्या भारत पर मंडरा रहा अंधेरे में रहने का संकट?


एलएसी पर तनाव खत्म करने के लिए 13वें दौर की मीटिंग बेनतीजा रही, भारत-चीन के बीच बढ़ ‌सकता है गतिरोध