यूपी समेत देश के कई राज्यों में बिजली संकट खड़ा हो गया है. बिजली की मांग में बढ़ोतरी और कोयले की मांग के मुताबिक़ आपूर्ति न होने से बिजली कटौती बढ़ गई है. यूपी में बिजली की मांग की तुलना में आपूर्ति लगभग 10 फ़ीसदी कम हो रही है, जिससे कई जिलों में कटौती से आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है. सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द इस बिजली संकट को सुलझाया जाए जिसको लेकर कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी बैठक भी की है. 


बिजली संकट को लेकर कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभागीय बैठक कर कुछ महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए हैं. बीते कुछ दिनों से प्रदेश के कई ज़िलों में निर्धारित रोस्टर के मुताबिक़ बिजली सप्लाई न होने की शिकायतें मिल रही हैं. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि ऊर्जा विभाग और पॉवर कॉर्पोरेशन ये सुनिश्चित करें कि पूर्व निर्धारित रोस्टर के मुताबिक़ सभी क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति हो.


बनाई रखी जाए कोयले की उपलब्धता


इसके लिए जो भी व्यवस्था जरूरी हो, उसे तत्काल किया जाए. कोयले की कमी पर मुख्यमंत्री ने कहा है कि बिजली उत्पादन के लिए कोयले की उपलब्धता बनाये रखी जाए. अभी कोयले की कमी नहीं है लेकिन मांग की तुलना में कोयले की आपूर्ति बनी रहनी चाहिए.


यूपी में बिजली की कुल मांग 20 हज़ार मेगावॉट है लेकिन वर्तमान में आपूर्ति 18.5 हज़ार मेगावॉट की ही हो पा रही है. कोयले की कमी की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में क़रीब 6 घंटे और तहसीलों में क़रीब 3 से 4  घंटे बिजली कटौती हो रही है. सरकार की कोशिश है कि शहरों में 24 घंटे आपूर्ति बनाई रखी जाए. कुछ ग्रामीण इलाकों में गेहूं के खेतों में आग न लगे, इसलिए भी बिजली आपूर्ति दिन में बंद की जा रही है. 


गर्मी के कारण हुई है बिजली कंपनियों की मांग में बढ़ोतरी


माना जा रहा है कि गर्मी के कारण कई बिजली कंपनियों में मांग में 7 से 10 फ़ीसदी तक बढ़ोतरी हुई है. ट्रेन में रैक की दिक्कत की वजह से ट्रकों से कोयले की आपूर्ति हो रही है, जिसमें पैसे भी ज़्यादा लग रहे हैं और समय भी. हालांकि यूपी सरकार इन बातों को ख़ारिज कर रही है. ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि केंद्र के साथ समन्वय बनाकर कोयले की कमी को पूरा किया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि वर्तमान में कोयले की कोई कमी नहीं है. 


तकनीकी दिक्कतों के कारण भी है ऊर्जा की दिक्कत


ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर ने दावा किया कि मौसम की वजह से कहीं-कहीं कटौती ज़रूर हो रही है लेकिन बिजली की मांग के मुताबिक़ आपूर्ति हो रही है. उन्होंने कहा कि रोस्टर प्रणाली के मुताबिक़ ही बिजली कटौती होगी. जहां जहां तकनीकी समस्या आती है, वहां जल्द से जल्द दिक्कत दूर करने की कोशिश होती है. कहीं कहीं ट्रांसफॉर्मर में तो कहीं तारों में तकनीकी दिक्कत आने से कटौती हो रही है, जिसको जल्द दूर कर लिया जाएगा. 


गर्मी की वजह से बढ़ी है बिजली की मांग


अप्रैल के महीने में पड़ रही भीषण गर्मी की वजह से बिजली की मांग बढ़ी है. शहरों में एयर कंडीशनर और अन्य जगहों पर कूलर का उपयोग बढ़ने से मांग में बढ़ोतरी हुई है. इस बिजली संकट से परीक्षा देने वाले छात्र ख़ासतौर से प्रभावित हो रहे हैं. हाल के दिनों में कई जिलों में गेंहू की फसल में आग लगने की सूचना के बाद ग्रामीण इलाकों में दिन में बिजली कटौती आग लगने की घटनाएं रोकने के लिए भी की जा रही है, जिससे समस्या ज़्यादा बड़ी दिखाई दे रही है. 


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