Powerful Tanks of Indian Army: टैंक (Tank) एक ऐसा बख्तरबंद सैन्य वाहन (Military Vehicle) है, जिससे गोलाबारी भी जा सकती है. टैंक का इस्तेमाल सबसे पहले प्रथम विश्व युद्ध (First World War) में ब्रिटेन (Britain) की सेना ने किया था. इसके बाद से ही टैंक सेना (Army) का जरूरी अंग बन गया. इसकी उपयोगता की वजह से इसमें लगातार बदलाव कर इसके एक से एक उन्नत मॉडल को विश्व की सेनाओं द्वारा काम में लाया जा रहा है. भारतीय सेना (Indian Army) के पास भी कई उन्नत टैंक हैं जिनके गोलों से दुश्मन थर्राता है. जानते हैं भारतीय सेना के कुछ शक्तिशाली टैंकों के बारे में:-
अर्जुन टैंक (Arjun Tank)
- भारतीय सेना मुख्य युद्धक टैंक
- 2004 से सेना में शामिल
- एमके-1 और एमके-1ए नाम के दो वेरिएंट
- दोनों ही वेरिएंट में चार क्रू बैठते हैं
- दोनों टैंक एक मिनट में 6 से 8 राउंड फायर कर सकते हैं
- एक टैंक में 42 गोले स्टोर किए जा सकते हैं
- अर्जुन टैंक की रेंज 450 किलोमीटर है
टी-90 भीष्म (T-90 Bhisma)
- यह रूसी टैंक है. इसका नाम भारत ने भीष्म रखा है
- भारत और रूस में हुई डील के मुताबिक मॉस्को 2025 तक 1657 भीष्म टैंक देगा
- टैंक में तीन लोग बैठते हैं. टैंक पर 43 गोले स्टोर किए जा सकते हैं
- 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चल सकता है
- इसकी ऑपरेशनल रेंज 550 किलोमीटर है
टी-72 अजेय (T-72 Ajeya)
- सोवियत कालीन टैंक, जो वर्षों से भारतीय सेना में सेवा दे रहा है
- भारतीय सेना के पास 2410 टैंक
- 1000 टी-72 अजेय टैंक्स को अपग्रेड करने के लिए रूस, पोलैंड और फ्रांस भेजना पड़ता है
- जल्द ही नए अजेय टैंक का उत्पादन भारत में होगा
- इसकी ऑपरेशनल रेंज 460 किलोमीटर है
- सतह और वैरिएंट के हिसाब से अधिकतम गति 60 से 75 किलोमीटर प्रतिघंटा है
टी-55 एमबीटी (T-55 MBT)
- करीब 700 टैंक भारतीय सेना के पास हैं
- इसकी ऑपरेशनल रेंज 325 किलोमीटर है
- अधिकतम गति 51 किलोमीटर प्रतिघंटा है. इसे चार लोग मिलकर चलाते हैं
- इसने 1971 में बसंतर के युद्ध में इस टैंक ने पाकिस्तानी सेना को खासा नुकसान पहुंचाया था.
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