Prabhakaran Alive: जानिए कौन है LTTE प्रमुख प्रभाकरन? बुलेटप्रूफ जैकेट देने वाले को ही उतारा था मौत के घाट
LTTE Supremo Prabhakaran: लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) ने लगभग तीन दशकों तक अपनी दहशत से लोगों को डराकर रखा था. प्रभाकरन LTTE का ही चीफ था.
Who Is LTTE Supremo Prabhakaran: LTTE प्रमुख वेलुपिल्लई प्रभाकरन (Velupillai Prabhakaran) जिंदा है. यह दावा तमिलनाडु के पूर्व कांग्रेस नेता और वर्ल्ड कन्फेडरेशन ऑफ तमिल के अध्यक्ष पाझा नेदुमारन ने किया. उनका कहना है कि प्रभाकरन जिंदा है और बिल्कुल ठीक है और जल्द ही दुनिया के सामने आएगा. चलिए सबसे पहले तो आपको ये बता दें कि वेलुपिल्लई प्रभाकरन कौन है और कैसे मरने की खबरें सामने आई थी.
दरअसल, प्रभाकरन को 18 मई 2009 को श्रीलंका सरकार ने मृत घोषित किया था. सरकार का दावा था कि वह श्रीलंकाई सैनिक के साथ मुठभेड़ में मारा गया था. जब सैनिकों ने उसे चारों तरफ से घेर लिया तो उसने खुद को गोली मार ली थी. श्रीलंका का जाफना क्षेत्र लिट्टे के आतंक से 21 मई को आजाद हुआ, जब प्रभाकरण की मौत का दावा किया गया. हालांकि, अब एक बार फिर प्रभाकरन के जिंदा होने का दावा किया जा रहा है.
कौन है वेलुपिल्लई प्रभाकरन?
वेलुपिल्लई प्रभाकरन एक श्रीलंकाई तमिल गुरिल्ला और लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम (LTTE) का संस्थापक था. लिट्टे को आतंकी संगठन कहा जाता है. लिट्टे ने श्रीलंका के उत्तर और पूर्व में एक स्वतंत्र तमिल राज्य बनाने की मांग की थी. LTTE यानी लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम ने लगभग तीन दशकों तक अपनी दहशत से लोगों को डराकर रखा था. इसके बाद श्रीलंका सरकार और सेना ने 2009 में लिट्टे चीफ प्रभाकरन को मौत के घाट उतार दिया था.
प्रभाकरन की मौत को लेकर अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स सामने आती रही हैं. किसी में कहा गया है कि प्रभाकरन ने सैनिकों के बीच घिरे रहकर खुद को गोली मार ली थी और कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि वह सैनिकों की गोली का शिकार हुआ था. प्रभाकरण पर पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या की साजिश रचने का आरोप है. इसके अलावा वह श्रीलंका के एक और राष्ट्रपति की हत्या का प्रयास, सैकड़ों राजनीतिक हत्याओं और पच्चीसियों आत्मघाती हमलों का जिम्मेदार है.
राजीव गांधी ने दी थी बुलेटप्रूफ जैकेट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब प्रभाकरन भारत-श्रीलंका समझौते को एक मौका देने के लिए तैयार हो गया तो राजीव गांधी काफी खुश हुए थे. प्रभाकरन के घर से निकलते समय उन्होंने राहुल गांधी से बुलेटप्रूफ जैकेट लाने के लिए कहा जो उन्होंने प्रभाकरन को दी ताकि वह किसी भी तरह के हमले से बच सके. कहा जाता है कि राजीव गांधी ने उसकी जुबान पर भरोसा कर लिया था और बदले में प्रभाकरन ने उनकी ही हत्या का आदेश दे दिया था.
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