LCH In IAF: वायुसेना को 'प्रचंड' शक्ति मिल गई है. ये प्रचंड शक्ति स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर  (LCAH) की है. सोमवार (3 अक्टूबर) को राजस्थान के जोधपुर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में एलसीएच को वायुसेना में शामिल किया गया. वायुसेना ने एलसीएच को नया नाम 'प्रचंड' दिया है.


खुद रक्षा मंत्री ने भी समारोह के बाद‌ एलसीएच में फ्लाई किया. जोधपुर एयर बेस पर एलसीएच की एक पूरी यूनिट तैनात की जाएगी. इस‌ यूनिट में 10 एलसीएच शामिल होंगे. अभी तक वायुसेना को पहली खेप में चार एलसीएच हेलीकॉप्टर मिले हैं. इस यूनिट को 143 एचयू नाम दिया गया है, जिसे कि ट्रेल-ब्लेजर के नाम से भी जाना जाएगा. 


सोमवार को एलसीएच की इंडक्शन सेरेमनी सुबह 11 बजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के जोधपुर एयर बेस पर पहुंचने के बाद शुरू हुई. सबसे पहले एलसीएच के सामने सर्व-धर्म सभा हुई जिसमें सभी प्रमुख धर्म गुरुओं ने एलसीएच और उसमें सवार वायु यौद्धाओं की सुरक्षित रहने की कामना की और दुश्मनों का संहार करने की प्रार्थना की.


इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एलसीएच की सेरेमोनियल-चाबी वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी को सौंपी. इस दौरान सीडीएस जनरल अनिल चौहान और हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (HAL) के सीएमडी, सी बी अनंतकृष्णन मौजूद थे. एलसीएच‌ देश का पहला अटैक हेलीकॉप्टर है, जिसे कि सरकारी रक्षा उपक्रम एचएएल ने तैयार किया है. 
 
'एलसीएच दिखाया गया'


इस दौरान एलसीएच ने दो एएलएच हेलीकॉप्टर के साथ फ्लाई पास्ट में हिस्सा लिया. तीन सुखोई फाइटर जेट ने भी इस फ्लाई पास्ट में हिस्सा लिया. जोधपुर में पहले से ही सुखोई फाइटर जेट की स्कावड्रन मौजूद है.  


इसके बाद एलसीएच को वाटर कैनन की सलामी दी गई और फिर रक्षा मंत्री ने एलसीएच का नामकरण 'प्रचंड' किया. इसके बाद उन्होंने एलसीएच में फ्लाई किया. उनके हेलीकॉप्टर को एलसीएच यूनिट के सीओ (कमांडिंग ऑफिसर) उड़ा रहे थे. करीब 15 मिनट तक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एलसीएच में सोर्टी की. इस दौरान उन्हें एलसीएच के टेक्टिकल मूव और मैन्युवर भी दिखाए गए. 


कारगिल युद्ध के समय तैयारी शुरू हुई


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वायुसेना प्रमुख और एचएएल के सीएमडी ने सैन्य समारोह को संबोधित किया और बताया कि किस तरह कारगिल युद्ध के बाद से एलसीएच जैसे हल्के हेलीकॉप्टर को बनाने की तैयारियां शुरू की गई थीं, जो कि अब जाकर पूरी हुई है. ये हेलीकॉप्टर पूरी तरह से भारत की सेनाओं की जरूरत और टैरेन को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है और 16 हजार फीट की ऊंचाई तक पर भी ऑपरेशन करने में सक्षम है. इस तरह के कॉम्बेट हेलीकॉप्टर बनाकर भारत दुनिया के सात चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है. 


सभी ने इस‌ बात पर जोर दिया कि एलसीएच से देश की एयर-पावर तो बढ़ेगी ही साथ ही रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की तरफ एक बड़ा कदम है. एचएएल के सीएमडी ने बताया कि देश की सशस्त्र सेनाओं की जरूरतों को पूरा करने के बाद एलसीएच को एक्सपोर्ट भी किया जाएगा. रक्षा मंत्री ने अपने फ्लाईंग का अनुभव भी मीडिया से साझा किया. वायुसेना से पहले थलसेना ने स्वदेशी कॉम्बेट हेलीकॉप्टर, एलसीएच को अपने जखीरे का हिस्सा बना लिया है.


29 सितंबर को एचएएल ने लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर भारतीय सेना की एविएशन कोर को सौंप दिया. पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा की कैबिनेट कमेटी (CCS) ने इसी साल मार्च में 15 स्वदेशी लाइट अटैक हेलीकॉप्टर (एलसीएच) खरीदने की मंजूरी दी थी. 3387 करोड़ मे ये हेलीकॉप्टर एचएएल से खरीदे गए हैं. इनमें से 10 हेलीकॉप्टर वायुसेना के लिए हैं और 05 भारतीय सेना (थलसेना) के लिए.


यह भी पढ़ेें-


Exclusive: आत्मघाती ड्रोन से लैस होने जा रही है भारतीय सेना, टैंक पर भी कर सकता है सटीक हमला


India’s Incredible Rescue Ops : भारतीय सेना के हैरतअंगेज 'रेस्क्यू ऑपरेशन' पर बनी ये वेब सीरीज, जानें किस OTT पर होगी रिलीज