नई दिल्ली: कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की 80 करोड़ जरूरतमंद जनता को अब नवंबर तक मुफ्त राशन देने का ऐलान किया है. 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देने वाली प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के विस्तार में 90 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होंगे. इसका सबसे बड़ा फायदा उन गरीबों को मिलेगा, जो रोजगार या दूसरी आवश्यकताओं के लिए अपना गांव छोड़कर कहीं और जाते हैं.


इस घोषणा के तहत देश के जिन प्रवासी मजदूरों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन मजदूर परिवारों को हर महीने 5 kg चावल/गेंहूं और 1kg चना सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा. एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर भी मजदूर अपना पुराना राशन कार्ड इस्तेमाल कर सकते हैं. यानी कि एक राशन कार्ड से दूसरे राज्य में भी सरकारी राशन खरीदा जा सकता है. केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि नया राशन कार्ड बनवाने की जरूरत नहीं है. 'वन नेशन, वन राशन' कार्ड योजना के तहत पुराना राशन कार्ड चलता रहेगा. इसे अपडेट किए जाने के बाद पूरे देश में मान्य होगा.


ये योजना खास तौर से ऐसे लोगों के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और मेहनत मजदूरी से अपना जीवन यापन कर रहे है. इस समय गरीब लोग अपने काम पर नहीं जा पा रहे है. वह खाने के लिए राशन को लेकर बहुत चिंतित हैं, इसलिए सरकार गरीबों की अन्न और पैसे दोनों तरह से मदद कर रही है. आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बैंक अकाउंट में डीबीटी के माध्यम से धनराशि पहुंचाई जा रही है.


26 मार्च को हुई थी गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा
पीएम मोदी ने 25 मार्च को देश में पहली बार लॉकडाउन की घोषणा की थी. इसके अगले दिन 26 मार्च को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1.70 लाख करोड़ के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) की घोषणा की थी. इस योजना में गरीबों को तीन महीने (अप्रैल, मई, जून) मुफ्त राशन और नकद राशि उपलब्ध कराना शामिल था. अब इस योजना को पांच और महीनों के लिए बढ़ा दिया गया है.


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