नई दिल्ली: भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को रक्षा मंत्रालय की कमेटी से हटा दिया गया है. प्रज्ञा ठाकुर को कुछ दिन पहले ही इस कमेटी में जगह दी गई थी. उन्होंने संसद में चल रही कार्यवाही के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहा था. जिसके बाद कमेटी के सदस्यों ने यह निर्णय लिया.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त कह जाने के बाद बीजेपी की सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को काफी मुश्किलों को सामना करना पड़ रहा है. संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने प्रज्ञा ठाकुर को रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति से हटा दिया है. इसके अलावा बीजेपी संसदीय दल की बैठकों में नहीं आने का फरमान सुनाया प्रज्ञा ठाकुर को सुनाया गया है.
इसके साथ ही बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कहना है कि उनका बयान बेहद निंदनीय है. बीजेपी कभी भी ऐसे बयानों का साथ नहीं देगी. नड्डा ने कहा, "सांसद प्रज्ञा ठाकुर का बयान निंदनीय है. बीजेपी ऐसी विचारधारा का समर्थन नहीं करती. हमने उनको रक्षा मामलों की संसदीय समिति से हटाने का भी फैसला किया है. इस सत्र के दौरान संसदीय दल की बैठक में वो हिस्सा नहीं ले सकेंगी."
लोकसभा में चर्चा के दौरान दिया बयान
बता दें कि ऐसे ही एक बयान की वजह से पीएम मोदी को कहना पड़ा था कि वह प्रज्ञा को कभी दिल से माफ नहीं कर पाएंगे. साध्वी के ताजा बयान पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि अब देश मोदी और बीजेपी को कभी दिल से माफ नहीं कर पाएगा. लोकसभा में जब एसपीजी अमेंडमेंट बिल पर चर्चा के दौरान डीएमके के सांसद ए. राजा गोड्से के एक बयान का हवाला दे रहे थे कि उसने महात्मा गांधी को क्यों मारा तो साध्वी प्रज्ञा ने उन्हें टोक दिया.
बीजेपी सांसद ने कहा, ‘’आप एक देशभक्त का उदाहरण नहीं दे सकते.’’ राजा ने कहा कि गोडसे ने खुद कबूला था कि 32 सालों से उसने गांधी के खिलाफ रंजिश पाल रखी थी और आखिरकार उसने उनकी हत्या का फैसला किया. राजा ने कहा कि गोड्से ने गांधी की हत्या इसलिए की कि वह एक खास विचारधारा को मानता था.
वहीं, साध्वी प्रज्ञा की तरफ से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे (नथुराम गोड़से) को देश भक्त कहने के विरोध में बिग बॉस सेलिब्रिटी तहसीन पूनावाला संसद के बाहर भजन चलाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि अपने बयान को लेकर साध्वी प्रज्ञा को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए. मैं विजय चौक से संसद तक नंगे पांव पहुंचकर गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन करूंगा.
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