यौन उत्पीड़न के मामले में नाम सामने आने के बाद जनता दल सेक्यूलर (JDS) के पूर्व नेता और सांसद प्रज्वल रेवन्ना जर्मनी भाग गए हैं. गुरुवार (2 मई) को विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रज्वल रेवन्ना डिप्लोमेटिक पासपोर्ट के जरिए जर्मनी भागे हैं. मंत्रालय ने यह भी बताया कि रेवन्ना को वीजा नोट भी जारी नहीं किया गया था. तो बिना वीजा के रेवन्ना को जर्मनी में एंट्री कैसे मिल गई? इसकी वजह है ऑपरेशनल वीजा एग्जम्पशन एग्रीमेंट और डिप्लोमेटिक पासपोर्ट.
इस समझौते के तहत भारतीय 34 देशों में वीजा के बगैर डिप्लोमेटिक पासपोर्ट के जरिए 90 दिन तक रह सकते हैं, लेकिन डिप्लोमेटिक पासपोर्ट हर किसी को जारी नहीं किया जाता है. सांसद, राजनयिक और हाई लेवल सरकारी अधिकारियों के लिए ही यह सुविधा है. प्रज्वल रेवन्ना कर्नाटक की हसन लोकसभा सीट से सांसद हैं. उन पर कई महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं.
विदेश मंत्रालय इशू करता है कितने तरह के पासपोर्ट?
भारत में नागरिकों को चार तरह के पासपोर्ट इशू किए जाते हैं, जो ब्लू पासपोर्ट, व्हाइट पासपोर्ट, ऑरेंज पासपोर्ट और मैरून पासपोर्ट है. मैरून पासपोर्ट को ही डिप्लोमेटिक पासपोर्ट कहा जाता है. पासपोर्ट्स का रंग अलग-अलग इसीलिए रखा गया है ताकि कस्टम और पासपोर्ट चेक करने वाले अधिकारी को पहचानने में आसानी रहे. ब्लू पासपोर्ट तो बहुत कॉमन है और ज्यादारतर नागरिकों को यही पासपोर्ट इशू किया जाता है. यह 10 साल के लिए वैलिड रहता है विदेश मंत्रालय लोगों को व्यक्तिगत या पेशेवर जरूरतों के लिए जारी करता है. अब जानते हैं कि व्हाइट, ऑरेंज और डिप्लोमिटिक पासपोर्ट किन लोगों को जारी किए जाते हैं और इनके तहत क्या फैसिलिटी मिलती हैं-
ऑरेंज पासपोर्ट
साल 2018 से भारत सरकार ने ऑरेंज पासपोर्ट जारी करना शुरू किया है. ये पासपोर्ट उन लोगों को इशू किए जाते हैं, जो 10वीं तक पढ़ें हों और माइग्रेंट लेबर के तौर पर विदेश में जाकर काम करना चाहते हैं. इसके लिए हीआमतौर पर ये पासपोर्ट इशू किया जाता है. दूसरे पासपोर्ट की तरह ऑरेंज पासपोर्ट में आखिरी पेज नहीं होता है, जिसमें सभी महत्पूर्ण डिटेल्स का विवरण होता है. ये लोग जो शैक्षिक रूप से योग्य नहीं हैं, ईसीआर (Immigration Check Required) कैटेगरी के अंतर्गत आते हैं.
व्हाइट पासपोर्ट
ब्लू और ऑरेंज पासपोर्ट की तुलना में व्हाइट या सफेद पासपोर्ट ज्यादा पावरफुल पासपोर्ट है. यह उन सरकारी अधिकारियों को जारी किया जाता है, जो सरकारी कामकाज से विदेश की यात्रा करते रहते हैं. व्हाइट पासपोर्ट सरकारी अधिकारियों के लिए इमीग्रेशन प्रोसेस को आसान बना देता है और कस्टम अधिकारियों को भी सरकारी अधिकारी को पहचानना आसान हो जाता है. व्हाइट पासपोर्ट के लिए आवेदक को अलग से एप्लीकेशन देकर बताना होता है कि उसको यह क्यों चाहिए और अलग से कई सुविधाएं भी मिलती हैं.
डिप्लोमेटिक या मैरून पासपोर्ट
डिप्लोमेटिक पासपोर्ट टाइप डी पासपोर्ट है, जो पांच कैटेगरी के लोगों को जारी किया जाता है. पहला देश की आधिकारिक यात्रा करने वाले लोग, जिनमें सांसद, केंद्रीय मंत्री और राजनेता आते हैं. दूसरा सरकारी कामकाज से विदेश की यात्रा करने वाले हाई लेवल अधिकारी, तीसरा आईएफएस की ए और बी कैटेगरी के तहत काम करने वाले अधिकारी, चौथा जॉइंट अधिकारी रैंक या उससे बड़े ऑफिसर और पांचवां आईएफएस अधिकारी और विदेश मंत्रालय की इमीडिएट फैमिलि को डिप्लोमेटिक पासपोर्ट की सुविधा मिलती है.
ऐसे कुछ सेलेक्टेड लोगों को भी डिप्लोमेटिक पासपोर्ट की सुविधा मिल सकती है, जो सरकार के लिए आधिकारिक विदेश यात्रा करते हैं. यह भारत सरकार की ओर से जारी किया जाने वाला सबसे ताकतवर पासपोर्ट है, जिससे कोई शख्स बिना वीजा के 34 देशों में एंट्री ले सकता है. इसके जरिए वह विदेश में गिरफ्तारी, हिरासत और कई कानूनी कार्रवाइयों से बच सकता है.
कितने दिन तक वैलिड रहता है डिप्लोमेटिक पासपोर्ट?
किसी सांसद के लिए डिप्लोमेटिक पासपोर्ट उसके कार्यकाल तक ही वैलिड रहता है. पिछले साल लोकसभा की सदस्यता रद्द होने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अपना डिप्लोमेटिक पासपोर्ट लौटाना पड़ा था.
किन देशों में बिना वीजा के एंट्री ले सकते हैं भारतीय?
साल 2011 में भारत सरकार ने 34 देशों के साथ ऑपरेशन वीजा एग्जम्पशन एग्रीमेंट किया था. इसके तहत जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रिया, अफगानिस्तान, चेक रिपब्लिक, इटली, ग्रीस, ईरान और स्वीटजरलैंड में डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होल्डर बिना वीजा के एंट्री ले सकता है, लेकिन शर्त ये है कि स्टे 90 दिन से ज्यादा का न हो. इसके अलावा, 99 देशों के साथ भारत का एग्रीमेंट है, जिसके तहत डिप्लोमेटिक पासपोर्ट के अलावा सर्विस और ऑफिशियल पासपोर्ट के साथ ऑपरेशन वीजा एग्जम्पशन की सुविधा प्राप्त कर 90 दिन के लिए स्टे कर सकते हैं. इन देशों में बहरीन, ब्राजील, मिस्त्र, हांगकांग, ओमान, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं.
कैसे रद्द किया जा सकता है डिप्लोमेटिक पासपोर्ट?
राज्यसभा सचिवालय के बुलेटिन के अनुसार, सांसदों को डिप्लोमेटिक वीजा के तहत यात्रा करने से तीन हफ्ते पहले पॉलिटिकल क्लीयरेंस के लिए आवेदन करना चाहिए और यात्रा के वक्त सुनिश्चित करें कि उनका आवेदन स्वीकार कर लिया गया है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रज्वल का डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द करने की मांग की है. प्रज्वल रेवन्ना का पासपोर्ट कोर्ट के निर्देश पर रद्द किया जा सकता है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा. 'किसी का पासपोर्ट रद्द करने के लिए 1967 एक्ट के प्रावधानों के अनुसार कोर्ट के निर्देश की जरूरत होती है, लेकिन इस मामले में किसी कोर्ट से हमें कोई निर्देश नहीं मिला है.'
यह भी पढ़ें:-
ED ने झारखंड के मंत्री आलमगीर के निजी सचिव और करोड़पति नौकर को किया गिरफ्तार, 35 करोड़ किए थे जब्त