Prajwal Revanna Video: जमीन की डील, ड्राइवर और अश्लील वीडियो... प्रज्वल रेवन्ना की काली करतूतों की इनसाइड स्टोरी!
Prajwal Revanna Obscene Video Case: जनवरी 2024 में स्थानीय BJP नेता जी देवराजे गौड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उनकी याचिका पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने प्रज्वल की सांसदी खत्म कर दी थी.
Prajwal Revanna Obscene Video Case: जमीन की एक डील को लेकर मालिक और ड्राइवर के बीच अनबन हुई. करीब सात साल तक ड्राइवर रहे उस शख्स के पास अपने मालिक के खिलाफ कुछ था. उसे लेकर वो अपने मालिक के विरोधी के पास पहुंच गया. उस विरोधी ने ड्राइवर के दिए सबूतों का कुछ ऐसा इस्तेमाल किया कि वीडियो के रूप में जब वो बाहर आए हैं तो उसे भारत का सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल कहा जा रहा है.
ये कहानी है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते और हासन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना की, जिनके ड्राइवर रहे कार्तिक गौड़ा के सबूत अब न सिर्फ रेवन्ना की पार्टी जेडीएस के लिए मुसीबत बने हैं, बल्कि कर्नाटक में जेडीएस की साझीदार बीजेपी पर भी सवाल उठने लगे हैं.
प्रज्वल रेवन्ना ने खुद ही खोल दिया था कच्चा-चिट्ठा
कर्नाटक से निकली इस दिल दहलाने वाली कहानी के कई किरदार हैं. इस कहानी के मुख्य पात्र हैं सांसद प्रज्वल रेवन्ना, जिन्होंने जाने-अनजाने खुद ही अपनी पोल-पट्टी खोल दी है. दरअसल हुआ ये कि सांसद प्रज्वल रेवन्ना ने 1 जून 2023 को बेंगलुरु सिविल कोर्ट में एक केस दाखिल किया. ये केस देश के 86 मीडिया संस्थान और तीन लोगों के खिलाफ था.
इस केस में सांसद प्रज्वल रेवन्ना ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि उन्हें डर है कि मीडिया हाउस उनकी फेक फोटो और वीडियो को दिखाकर या छापकर उनकी प्रतिष्ठा धूमिल कर सकते हैं, लिहाजा ऐसे फोटो-वीडियो पर रोक लगाई जाए. अगले ही दिन यानी कि 2 जून 2023 को कोर्ट ने ऐसे फोटो-वीडियो छापने और दिखाने पर रोक भी लगा दी.
रेवन्ना ने ड्राइवर कार्तिक गौड़ा के खिलाफ किया था कोर्ट में केस
प्रज्वल रेवन्ना ने मीडिया हाउस के अलावा जिन तीन और लोगों के खिलाफ कोर्ट में केस दाखिल किया था, उनमें से एक नाम कार्तिक गौड़ा का भी था, जो प्रज्वल रेवन्ना का ड्राइवर रह चुका था. करीब सात साल की नौकरी के बाद मार्च 2023 में उसने प्रज्वल की नौकरी छोड़ दी थी. अब चूंकि कार्तिक प्रज्वल का ड्राइवर था, तो प्रज्वल को डर था कि उनका मोबाइल फोन और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट तक भी कार्तिक की पहुंच थी.
प्रज्वल को तो पता ही था कि उनके मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट में है क्या. तो कार्तिक मुंह खोले और प्रज्वल का भेद खुले, उससे पहले ही प्रज्वल कोर्ट पहुंच गए ताकि उसकी काली करतूतें बाहर ही न आ सकें. कोर्ट का आदेश प्रज्वल के पक्ष में था तो मामला रफा-दफा हो गया.
बीजेपी नेता की प्रेस कॉन्फ्रेस ने बदला सियासी माहौल
फिर आया दिसंबर 2023. कार्तिक ने हासन पुलिस को एक शिकायत दी, जिसमें लिखा था कि वो 13 एकड़ की ज़मीन प्रज्वल को नहीं दे रहा है तो प्रज्वल और उसकी मां ने कार्तिक और उसकी पत्नी का अपहरण कर लिया था. अब प्रज्वल सांसद है तो कौन सी पुलिस उसके खिलाफ एफआईआर लिखेगी. सो वही हुआ. शिकायत चली गई थाने के कूड़ेदान में. और प्रज्वल पर आंच भी नहीं आई. लेकिन कहानी बदली जनवरी 2024 में.
आखिर बीजेपी नेता ने किए थे कौन से खुलासे?
जनवरी 2024 में स्थानीय भाजपा नेता और वकील जी देवराजे गौड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जी देवराजे गौड़ा वो थे, जिनकी याचिका पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने प्रज्वल की सांसदी खत्म कर दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट का फैसला पलट दिया तो प्रज्वल की सांसदी बची रही. बाकी देवराजे गौड़ा ने प्रज्वल के पिता एचडी रेवन्ना के खिलाफ होलेनरसीपुरा विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था, जिसमें वो हार गए थे. तो उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जी देवराजे गौड़ा ने दावा किया-
''दिसंबर 2023 में जब मैं कार्तिक का केस लड़ रहा था, तो प्रज्वल रेवन्ना के वो वीडियो मेरे सामने आए. मुझे ये वीडियो कार्तिक ने ही दिए थे. लेकिन ये वीडियो उसके पास कैसे आए, ये मैं नहीं जानता हूं. मैं उन महिलाओं को भी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में लाना चाहता था, लेकिन उनके सम्मान को बचाए रखने के लिए न तो मैं उन महिलाओं को सामने लेकर आया और न ही मैंने वो वीडियो जारी किए.''
बीजेपी को मिली थी 'ब्रह्मास्त्र' वाली चेतावनी
इसके बाद देवराजे गौड़ा ने दावा किया कि उन्होंने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र को भी चिट्ठी लिखकर कहा कि प्रज्वल रेवन्ना को टिकट नहीं मिलना चाहिए. उस चिट्ठी में देवराजे गौड़ा ने लिखा था कि ये गंभीर मामला है. और पेन ड्राइव में जो है, कांग्रेस उसका इस्तेमाल बीजेपी के खिलाफ भी कर सकती है. लेकिन देवराजे गौड़ा की किसी ने नहीं सुनी. और फिर हसन में 26 अप्रैल की वोटिंग से ठीक 24 घंटे पहले हजारों की संख्या में पेन ड्राइव के जरिए वो वीडियो सर्कुलेट कर दिए गए, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हैं.
हाउस हेल्पर से सरकारी अधिकारियों तक का यौन शोषण
ये साफ है कि प्रज्वल रेवन्ना ने किसी को नहीं छोड़ा है. हाउस हेल्पर से लेकर सरकारी अधिकारी तक. रिश्तेदारों से लेकर महिला नेताओं तक. प्रज्वल रेवन्ना के संपर्क में जो भी महिलाएं आई हैं, उसने सबका शोषण किया है और उसके वीडियो बनाए हैं, जिनकी गिनती सैकड़ों नहीं हजार में है और अब तक करीब तीन हजार वीडियो बाहर आ चुके हैं. अब प्रज्वल फरार है. वो विदेश भाग चुका है. उसके खिलाफ केस भी दर्ज हो गया है. मामले की जांच के लिए एसआईटी भी बना दी गई है और उसकी खुद की पार्टी ने उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया है. लेकिन सवाल है कि प्रज्वल का होगा क्या.
अश्लील वीडियो विवाद में खड़े हैं ये सवाल
क्या कर्नाटक सरकार की एसआईटी उसे विदेश से वापस ला पाएगी. क्या उन महिलाओं को न्याय मिल पाएगा, जिनका शोषण प्रज्वल ने किया है. क्या बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस के चुनावी आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच उन महिलाओं की बात कोई सुनेगा, जिनके शोषण का जिम्मेदार प्रज्वल रेवन्ना है और जो पिछली कांग्रेस-जेडीएस सरकार में भी उतना ही ताकतवर रहा है, जितना बीजेपी-जेडीएस सरकार में. क्योंकि अगर बात सिर्फ राजनीति की होगी, तो दूध का धुला कोई भी नहीं निकलेगा. न तो कांग्रेस, जो इस केस को लेकर माहौल बना रही है, न बीजेपी, जिनके सबसे बड़े नेता इसी प्रज्वल रेवन्ना के लिए वोट मांग चुके हैं और न ही जेडीएस, जिसने सारी बातें जानने के बावजूद प्रज्वल को हासन से टिकट दे दिया है.
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