प्रकाश अंबेडकर का दावा- नवी मुंबई के खारघर और नेरुल में हैं दो डिटेंशन सेंटर, दो लाख लोगों को रखने की क्षमता
नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. विपक्षी पार्टियां इस कानून को असंवैधानिक बता रही हैं. अब इस विरोध प्रदर्शन में प्रकाश अंबेडकर भी शामिल हो गए हैं.
मुंबई: नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ देशभर में विरोध-प्रदर्शन जारी है. विपक्षी पार्टियां सीएए को देश विरोधी बता इस कानून पर सवाल खड़े कर रही हैं. इस कानून का बाबासाहेब अंबेडकर के वंशज प्रकाश अंबेडकर भी विरोध कर रहे हैं. वंचित बहुजन अघाड़ी के नेता प्रकाश अंबेडकर इस कानून के खिलाफ मैदान में उतर चुके हैं. एनआरसी और सीएए कानून के खिलाफ गुरुवार को प्रकाश अंबेडकर सड़कों पर उतरे.
उन्होंने अपने कार्यकताओं के साथ मुंबई की दादर टीटी इलाके में धरना प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में वंचित समाज से भारी संख्या में लोग दादर इलाके में इकट्ठा हुए और NRC और CAA के खिलाफ नारेबाजी की. इतना ही नहीं प्रदर्शन के साथ साथ दादर टीटी से गुजरने वाली सभी गाड़ियों को रोका गया और सड़क पर बैठकर चक्का जाम किया गया.
दरअसल, प्रकाश अंबेडकर के नेतृत्व में अजोजित इस धरना प्रदर्शन को मुंबई पुलिस ने अनुमति नहीं दी थी. इसके बावजूद इस पार्टी के लोगों ने प्रदर्शन कर चक्का जाम किया. वहीं, मुंबई पुलिस ने इस मामले में पार्टी चीफ को नोटिस भी जारी किया.
प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रकाश अंबेडकर ने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर जनकर निशाना साधा. उन्होंने मोदी सरकार को उन्हें गिरफ्तार करने की चुनौती दी. उन्होंने कहा, "मैं इसी तरह आपके और बिल के खिलाफ प्रदर्शन करूंगा. अगर हिम्मत है तो मुझे गिरफ्तार करें.''
प्रकाश अंबेडकर यहीं नहीं रुके और उन्होंने मोदी सरकार पर देश में जगह-जगह बन रहे डिटेंशन सेंटर का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा आज जिस तरह भरी मंच से पीएम मोदी और अमित शाह देश में डिटेंशन सेंटर बनाए जाने की बात को नकार रहे है और झूठ बोल रहे हैं. तो मैं आपको बता दूं कि नवी मुम्बई के नेरुल और खार घर में दो डिटेंशन सेंटर हैं. उन्होंने कहा कि यहां ड्रग्स का स्मगलिंग करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर रखा जाता है.
उन्होंने कहा, ''इन डिटेंशन सेंटर में कौन कब जन्म लेता है और मर जाता है इसकी जानकारी भी हमें नही मिलती. केवल खार घर की अगर मैं बात करू तो वहां कम से कम दो लाख लोगों को नज़रबंद करके रखा जा सकता है. 3 घंटे चले इस धरना प्रदर्शन में प्रकाश अंबेडकर ने देश की चरमराती अर्थव्यवस्था पर भी सवाल उठाए और कहा कि देश की जनता को मूल मुद्दे से भ्रमित करने के इस बिल को लाया गया है जिसकी आवश्यकता नहीं थी.