नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों को निशाने पर लिया. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री दंगाग्रस्त क्षेत्रों में जाने की बजाय विधानसभा में इन दंगों में मरने वालों का मजहब बता रहे हैं. केजरीवाल के विधानसभा में धर्म के आधार पर दंगा पीड़ितों की पहचान करने के बजाय आप विधायकों को शांति के लिए काम करना चाहिए. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी बीजेपी पर आरोप लगा रही हैं. आप नेता ताहिर हुसैन के घर पर हिंसा की वजह बनने वाले सामान की भरमार देखने को मिली, इस पर कांग्रेस चुप क्यों है?


दो महीने से लोगों को उकसाया जा रहा है- जावड़ेकर

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये दो दिन की हिंसा नहीं है, दो महीने से लोगों को उकसाया जा रहा है. सीएए पारित होने के बाद राम लीला मैदान में सोनिया गांधी की रैली हुई. इसमें उन्होंने कहा था कि ये आर-पार की लड़ाई है. फैसला लेना पड़ेगा इस पार या उस पार. उकसाने का काम वहीं से शुरू हुआ. प्रियंका गांधी ने कहा कि लाखों को बंदी बनाया जायेगा, जो नहीं लड़ेगा वो कायर कहलाएगा. राहुल गांधी ने कहा कि आप डरो मत कांग्रेस आपके साथ है. जावड़ेकर ने कहा, ''किसी की नागरिकता नहीं जानी है, ये जानते हुए भी जान बूझकर ऐसी गलत बयानी और डर पैदा करना ही इसकी पृष्ठभूमि है. उकसाने का काम वहीं से शुरू हुआ.''

लोगों से संवाद करें राजनीति दल- जावडे़कर

नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के हालात पर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है. गिरफ्तारियां की गई हैं. पूछताछ तेजी से की गई है और हिंसा के पीछे के असली दोषियों को सामने लाया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस माहौल में सभी राजनीतिक दलों का कर्तव्य है कि वह लोगों से संवाद करें और शांति स्थापित करें. बता दें कि दिल्ली की हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है. 200 से ज्यादा लोग घायल हैं.