Pralay Ballistic Missile Successfully Tested: युद्ध के मैदान में दुश्मन के खेमे में तबाही मचाने के लिए भारत की 'प्रलय' मिसाइल (Pralay Missile) तैयार है. बुधवार को डीआरडीओ (DRDO) ने प्रलय बैलेस्टिक मिसाइल (Ballistic Missile Pralay) का ओडिशा के तट (Odisha Coast) के करीब एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप (APJ Abdul Kalam Island) से सफल परीक्षण किया. जमीन से जमीन पर मार करने वाली प्रलय की मारक क्षमता 150-500 किलोमीटर तक है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने प्रलय के पहले सफल परीक्षण पर डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी है.
उन्होंने ट्वीट किया, "सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ और संबंधित टीमों को बधाई. सतह से सतह पर मार करने वाली आधुनिक अर्ध बैलिस्टिक मिसाइल के तेजी से विकास और सफल प्रक्षेपण के लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं. आज जो हासिल हुआ है वह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है.'' केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी बधाई दी.
सभी मिशन एल्गोरिथम को किया फॉलो
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, स्वदेशी प्रलय मिसाइल ने अपने पहले परीक्षण के दौरान क्वासी-बैलेस्टिक ट्रेजेक्टरी में सभी मिशन एल्गोरिथम को फॉलो किया. इस दौरान मिसाइल ने जहां अपने टारगेट पर अटैक किया वहां सभी सेंसर और समंदर में जो युद्धपोत इस मिसाइल को ट्रैक कर रहे थे, सभी ने पूरे परीक्षण को कैप्चर किया.
नई तकनीक से भी लैस प्रलय मिसाइल
प्रलय मिसाइल (Pralay Missile) में सोलिड प्रोपेलेंट रॉकेट मोटर की पावर है और कुछ नई तकनीक से भी लैस है. मिसाइल को मोबाइल लॉन्चर से 150-500 किलोमीटर दूर तक दागा जा सकता है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, मिसाइल में स्टेट ऑफ द आर्ट नेविगेशन सिस्टम और इंटीग्रेटेड एवयोनिक्स हैं.
इतने किग्रा तक गोला-बारूद ले जाने में सक्षम
डीआरडीओ (DRDO) ने प्रलय मिसाइल को दुश्मन के कैंप और छावनी को तबाह करने के लिए तैयार की है, क्योंकि अभी तक 500 किलोमीटर तक मार करने के लिए भारतीय सेना के पास सिर्फ ब्रह्मोस (BrahMos) मिसाइल है, लेकिन ब्रह्मोस मिसाइल का पेयलोड मात्र 200 किलो है. इसीलिए प्रलय मिसाइल को तैयार किया है, जो करीब 500-1000 किलो तक गोला-बारूद ले जाने में सक्षम है.
गौरतलब है कि डीआरडीओ (DRDO) की ओर से पिछले कुछ समय से ताबड़तोड़ मिसाइलों का परीक्षण किया जा रहा है. 18 दिसंबर को डीआरडीओ (DRDO) ने अग्नि-प्राइम का भी परीक्षण किया था.
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