Parliament Security Breach: केंद्र सरकार ने गुरुवार (14 द‍िसंबर) को संसद सुरक्षा चूक मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री के बयान को लेकर विपक्ष की मांग को पूरी तरह से खारिज कर दिया. साथ ही कहा कि लोकसभा अध्यक्ष सदन के संरक्षक हैं और सरकार उनके निर्देशों का पालन करेगी. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार के पास इस मुद्दे पर बयान जारी करने का अधिकार नहीं है. लोकसभा स्‍पीकर ही इस मामले पर फैसला लेंगे.


प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘‘सरकार लोकसभा अध्यक्ष के निर्देशों का पालन करती है. विपक्ष को इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने से बचना चाहिए. हम इस विषय से बहुत संवेदनशीलता के साथ निपट रहे हैं." उन्‍होंने कहा कि सत्ता पक्ष इस बात को मुद्दा नहीं बना रहा है कि जब कांग्रेस जैसी विपक्षी पार्टियां सत्ता में थीं तब क्या हुआ था, क्योंकि उस समय के लोकसभा अध्यक्षों ने अपने विवेक से फैसले लिए थे.


संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने सुरक्षा चूक को लेकर विरोध करने वाले दलों से सरकार के साथ सहयोग करने की अपील की. कुछ विपक्षी सदस्यों ने गुरुवार (14 दिसंबर) को सदन में तख्तियां लेकर इस मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह से जवाब की मांग की. जिसके बाद सदन में आसन की अवमानना को लेकर लोकसभा के 13 और राज्यसभा एक सदस्य को निलंबित कर दिया गया.


इन सांसदों को किया गया निलंबित


निलंबित होने वाले लोकसभा सांसदों में कांग्रेस के टीएन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास, डीन कुरियाकोस, वीके श्रीकंदन, बेनी बेहनन, मोहम्मद जावेद और मणिकम टैगोर शामिल हैं. इसके अलावा डीएमके के कनिमोई, माकपा के केएस वेकटेशन एवं पी आर नटराजन और भाकपा के के. सुब्बारायन को निलंबित किया गया. टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओब्रायन को भी निलंबित किया गया.


विपक्षी सांसदों के निलंबन को लेकर कांग्रेस के राष्टीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी आवाज उठाने वाले पर ही वार कर रही है.


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