नई दिल्ली: क्या आरएसएस के कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का शामिल होना उनके सक्रिय राजनीति में लौटने और संघ की तरफ से पीएम कैंडिडेट बनने की कोशिश थी? शिवसेना के इस दावे और अफवाहों को बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पुरजोर तरीके से विराम देने की कोशिश की है. शर्मिष्ठा का कहना है कि दिग्गज नेता अब कभी भी सक्रिया राजनीति में नहीं लौटेंगे.


दरअसल कल शिवसेना नेता संजय राउत ने प्रणब मुखर्जी को आरएसएस के कार्यक्रम में जाने को लेकर कहा था कि बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनाव में मुखर्जी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बना सकती है.





राउत ने कहा था, ''आरएसएस ने प्रणब बाबू को मार्गदर्शक और वक्ता के रूप में अपने कार्यक्रम में बुलाया. इसके पीछे उनके (RSS) मन में राजनीतिक सोच हो सकती है. शायद 2019 लोकसभा त्रिशंकु रहे और बीजेपी को बहुमत नहीं मिला. प्रधानमंत्री पद के लिए कोई साझा उम्मीदवार नहीं मिला तो शायद प्रणब बाबू का नाम नेशनल कैबिनेट के नेतृत्व के लिए आ सकता है. आरएसएस ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है.''


शर्मिष्ठा मुखर्जी इस समय दिल्ली कांग्रेस की प्रवक्ता हैं. इससे पहले भी शर्मिष्ठा ने कहा था कि 2012 में राष्ट्रपति बनने के बाद अब उनके पिता सक्रिय राजनीति में नहीं आएंगे. शर्मिष्ठा के ट्वीट ने उन कयासों पर लगाम लगा दी है जहां ये कहा जा रहा था कि प्रणब मुखर्जी अपने राजनीति फायदे के लिए आरएसएस की शाखा को संबोधित करने गए थे.