नागपुर में आज वैचारिक और राजनीतिक तौर पर दो ध्रुव एक मंच पर आए. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आरएसएस के तृतीय शिक्षा वर्ग कार्यक्रम में शामिल हुए. प्रणब मुखर्जी ने आरएसएस के मंच से आरएसएस को ही राष्ट्रवाद और राष्ट्रीयता पाठ पढ़ाया. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि मैं आज यहां राष्ट्र, राष्ट्रवाद और राष्ट्रीयता पर बोलने आया हूं.
उन्होंने कहा कि विविधिता और सहिष्णुता में भारत बसता है, नफरत और भेदभाव से हमारी पहचान को खतरा है. डॉक्टर मुखर्जी ने कहा कि संविधान से राष्ट्रवाद की भावना बहती है, सिर्फ एक धर्म एक भाषा भारत की पहचान नहीं. विविधिता और सहिष्णुता में ही भारत बसता है, 50 सालों में मैंने सार्वजनिक जीवन में जो सीखा है वही बता रहा हूं.''
इस दौरान आरएसएस प्रमुख डॉक्टर मोहन भागवत भी मंच पर मौजूद रहे.कार्यक्रम में जाने से पहले प्रणब मुखर्जी संघ संस्थापक डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार के पुश्तैनी घर भी गए. उन्होंने विजिटर बुक में लिखा कि मैं आज भारत मां के महान सपूत को आदम और श्रद्धांजलि देने आया हूं.
प्रणब मुखर्जी के आरएसएस के निमत्रण स्वीकार करने से ही इस मुद्दे पर विवाद शुरू हो गया था. कांग्रेस के करीब तीस नेताओं चिट्ठी लिखकर प्रणब मुखर्जी से संघ के कार्यक्रम में ना जाने की अपील की थी. कल प्रणब मुखर्जी की बेटी ने भी उन्हें नसीहत देते हुए कहा था कि भाषण बुला दिया जाएगा, तस्वीरों को गलत तरीके से पेश किया जाएगा. सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमत पटेल ने कहा कि आपसे (प्रणब मुखर्जी) से ऐसी उम्मीद नहीं थी.
आरएसएस के कार्यक्रम में दिनभर क्या हुआ?
08.30 PM: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा, ''विचारों में समानता के लिए संवाद जरूर है. भारत में सात धर्म, 122 भाषाएं और 1600 बोलियां हैं इसके बावजूद 130 करोड़ भारतीयों की पहचान है. आज गुस्सा बढ़ रहा है, हर दिन हिंसा की खबरें आ रही हैं. हिंसा, गुस्सा छोड़कर हम शांति के रास्ते पर चलें. बातचीत से हर समस्या का समाधान संभव है. आर्थिक प्रगति के बाद भी HAPPINESS में भारत पीछे है.'' पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, ''जनता की खुशी में ही राजा की खुशी होनी चाहिए, हर तरह की हिंसा से हमारे समाज को बचने की जरूरत है चाहे वह मौखिक हो या शारीरिक.''
08.28 PM: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा, ''संविधान से राष्ट्रवाद की भावना बहती है, सिर्फ एक धर्म एक भाषा भारत की पहचान नहीं. विविधिता और सहिष्णुता में ही भारत बसता है, 50 सालों में मैंने सार्वजनिक जीवन में जो सीखा है वही बता रहा हूं.''
08.21 PM: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा, ''अलग रंग भाषा, धर्म भारत की पहचान है. राष्ट्रवाद का किसी धर्म, भाषा और जाति से नहीं बंधा है. पहले मुगलों ने देश कब्जा किया फिर अंग्रेजों, दुनिया भर के शाषकों के राज करने के बाद भी हमारी संस्कृति सुरक्षित है.'' नेहरू के हवाले से पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि हिंदू, मुस्लिम सिख ईसाई मिलकर देश बनाते हैं.
08.18 PM: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा, ''प्राचीन काल में बहुत से विदेशी यात्रियों ने भारत की तारीफ की. भारत विविधताओं से भरा देश है, असहिष्णुता से हमारी राष्ट्रीय पहचान धूमिल होती है.''
08.13 PM: प्रणब मुखर्जी ने कहा, ''1800 साल तक भारत दुनिया में शिक्षा का केंद्र रहा. भारत पहले से खुला हुआ देश है, भारत का राष्ट्रवाद वसुधैव कुटुंबकम से प्रभावित है. विविधिता में एकता ने ही भारत को खास बनाती है. भारत से ही दुनिया के देशों में बौध धर्म की पहुंच हुई. अगर हम भेदभाव और नफरत करेंगे तो पहचान को कतरा है.''
08.09 PM: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा, ''मैं राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशभक्ति पर बोलने आया हूं. देश के प्रति समर्पण ही देश प्रेम है.''
08.07 PM: मोहन भागवत का भाषण खत्म, प्रणब मुखर्जी मंच पर संबोधन के लिए पहुंचे
08.00 PM मोहन भागवत ने कहा, ''आरएसएस विशाल संगठन बन गया है, जहां जाते हैं प्यार मिलता है. हमें आगे बढ़ना है विश्राम नहीं करना है. त्याग के बदले स्वयंसेवकों को कुछ नहीं मिलता, अपना पैसा खर्च कर स्वयंसेवक शिक्षा लेने आते हैं. कुछ लोगों के लिए 100 रुपये की फीस जुटाना भी मुश्किल होता है.''
07.56 PM: संघ के विरोधियों को संदेश देते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, ''आरएसएस लोकतांत्रिक विचारों वाला संगठन है, संघ सबको जोड़ने वाला संगठन है. संगठित समाज देश बदल सकता है. सब विविधिताओं का सम्मान करते हुए सनातन परंपरा को बल देने का काम करना चाहिए.''
07.52 PM: मोहन भागवत ने कहा, ''सरकारें बहुत कुछ कर सकती है लेकिन सब कुछ नहीं कर सकती. सामान्य समाज को जब तक जगाया नहीं गया तब तक देश की हालत ठीक नहीं होगी. 1911 से प्रयोग करते हुए डॉट्कर हेडगेवार ने 1925 में संघ की स्थापना की. स्वतंत्रता से पहले सभी महापुरुषों को स्वतंत्रता की चिंता थी.''
07.40 PM: मोहन भागवत ने कहा, ''प्रणब मुखर्जी जी को हमने निमंत्रण दिया और उन्होंने स्वीकार किया. संघ संघ है और प्रणब मुखर्जी प्रणब मुखर्जी हैं और रहेंगे. हिंदू समाज में एक संगठन खड़ा करने के लिए संघ नहीं है. संघ पूरे समाज को एक सआथ करने का काम करता है. विविधिता में एकता भारत की पहचना है. भारत की धरती में जन्मा प्रत्येक व्यक्ति भारत पुत्र है.''
07.37 PM: संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, ''हमारी परंपरा रही है कि हम देश के संम्मानीय लोगों को संघ के कार्यक्रम में बुलाते हैं. इस परंपरा के अनुसार ही आज का कार्यक्रम सहज रीति से संपन्न हो रहा है. लेकिन इस बार इस कार्यक्रम की कुछ विशेष चर्चा चली. इस कार्यक्रम के पक्ष और विपक्ष में जो चर्चा होती है उसका कोई मतलब नहीं है. ये हर साल जैसे होता है कार्यक्रम वैसे ही हो रहा है.''
07.34 PM: प्रणब मुखर्जी के आरएसएस कार्यक्रम में संबोधन से पहले कांग्रेस ने RSS पर बड़ा आरोप लगाया, ट्वीट कर कहा- RSS ने अंग्रेजों का साथ दिया, नाथूराम गोडसे को बंदूक आरएसएस के नेता ने दी थी. मनुस्मृति RSS के लिए संविधान से बढ़कर. कांग्रेस ने वीडियो भी जारी किया.
6:45 PM: कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने ट्वीट किया, ''पूर्व नेता और विचारक प्रणब दा की आरएसएस हेडक्वार्टर से आई तस्वीरों ने लाखों कांग्रेस कार्यकर्तओं और उन सभी को दुख पहुंचाया है जो बहुलवाद, विविधता और भारतीय गणराज्य के आधारभूत मूल्य में विश्वास रखते हैं. संवाद केवल उन लोगों के साथ हो सकता है जो सुनने, अवशोषित करने और बदलने के इच्छुक हैं. आरएसएस अपने मूल एजेंडे से हटा नहीं है क्योंकि यह वैधता की तलाश में है.''
06.30 PM: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आरएसएस कार्यक्रम के मंच पर पहुंचे, संघ प्रमुख भी साथ में मौजूद.
06.25 PM: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आरएसएस के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए संघ मुख्यालय पहुंचे. संघ प्रमुख मोहन बागवत के भी साथ में मौजूद. थोड़ी देर में होगा भाषण
05.42 PM: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने डॉ हेडगेवार के घर विजिटर्स बुक में लिखा, मैं यहां भारत मां के महान सपूत को आदर और श्रद्धांजलि अर्पित करने आया हूं.
04.58 PM: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्थापक डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार के पुश्तैनी घर पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी. साथ में आरएसएस प्रमुख डॉक्टर मोहन भी मौजूद हैं. प्रणब मुखर्जी ने डॉक्टर हेडगेवार की फोटो पर फूल भी चढ़ाए.
04.04 PM: थोड़ी देर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्थापक डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार के पुश्तैनी घर में जाएंगे. इसी घर में डॉक्टर हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना की थी.
1:52 PM: कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया ने कहा कि प्रणब दादा को नहीं जाना चाहिए था, उन्होंने आरएसएस को कम कर के आंका. संघ की रणनीति सफल हो गई. वो इसका दुरुपयोग करेगी. आजादी आंदोलन में संघ की भूमिका नहीं थी, वो संविधान नहीं मानते हैं. शर्मिष्ठा ने जो कहा है सही कहा है. उम्मीद है कि दादा आरएसएस के मंच से वही कहेंगे जो उनके विचार रहे हैं.
1:50 PM: वीएचपी नेता सुरेंद्र जैन ने कहा कि किसी भी स्वस्थ समाज में खुले मन से चर्चा होना जरुरी है गांधी जी, अम्बेडकर, जय प्रकाश नारायण और लेफ्ट के नेता भी आये थे तब विवाद नहीं हुआ. हम चर्चा करते हैं और उनकी बात सुनते हैं. इसको 2019 के चुनावों से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. कांग्रेस की क्या परंपरा रही वो जानें. हम विरोधियों को भी अपने मंच पर बुलाते हैं. उल्टा उनकी पार्टी के लोग ही उनसे दूरी बना लेते हैं.
1:30 PM: मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा है कि फेक न्यूज़ के इस दौर में प्रणब मुखर्जी को अपने भाषणों का शब्दश: टेक्स्ट जारी करना चाहिए, जो आज वह नागपुर में आरएसएस कैडर को संबोधित करते हुए बोलेंगे.
12:00 PM: प्रणब मुखर्जी का अंग्रेजी में लिखित भाषण 25 पन्नों का है. तकरीबन 20 से 30 मिनट का भाषण होगा.
11:58 AM: संघ के संस्थापक डा. हेडगेवार के कोठी रोड घर को देखने आज 4 बजे जायेंगे प्रणब मुखर्जी.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आरएसएस के कार्यक्रम में शिरकरत करने के लिए कल शाम को नागपुर पहुंचे थे. आरएसएस की तरफ से निमंत्रण मिलने के बाद हुए विवाद पर उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि वह जो भी कहेंगे, उसके बारे में पता उनके संबोधन के बाद ही चल पाएगा. मुखर्जी आज शाह 6:30 बजे कार्यक्रम को संबोधित करेंगे. नागपुर के रेशमीबाग क्षेत्र स्थित हेडगेवार स्मृति मन्दिर में 25 दिनों का संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष चल रहा है.
इस प्रशिक्षण शिविर में देश भर के करीब 708 स्वयं सेवक भाग ले रहे हैं. यह प्रशिक्षण आज खत्म हो रहा है. आरएसएस का कार्यक्रम शाम करीब साढ़े छह बजे शुरू होगा. तृतीय शिक्षा वर्ग संघ के प्रचारक बनाने की प्रक्रिया का सबसे उच्च ट्रेनिंग प्रोग्राम है. संघ प्रचारक बनना है तो तृतीय शिक्षा वर्ग में प्रशिक्षण लेना ही पड़ता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तृतीय शिक्षा वर्ग में हिस्सा लिया था. इस कार्यक्रम का ध्येय वाक्य 'मै संघ हूं, संघ मेरा है' है.
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