प्रणब मुखर्जी, नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को मिला भारत रत्न, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया सम्मानित
जनसंघ के नेता नाना जी देशमुख और प्रख्यात गायक, संगीतकार और गीतकार भूपेन हजारिका को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया. वहीं, भारत रत्न सम्मान का एलान गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी को किया गया था.
नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, भारतीय जनसंघ के दिवंगत नेता नानाजी देशमुख और दिवंगत गायक भूपेन हजारिका को मंगलवार को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यहां राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में मुखर्जी, हजारिका के बेटे तेज और नानाजी देशमुख के करीबी रिश्तेदार विरेंद्रजीत सिंह को यह पुरस्कार प्रदान किया.
हजारिका और देशमुख को यह सम्मान मरणोपरांत दिया गया है. राष्ट्रपति भवन के भव्य दरबार हॉल में आयोजित समारोह में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कई केंद्रीय मंत्री, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल समेत गणमान्य लोग उपस्थित रहे.
भारत रत्न को जानें- 2 जनवरी 1954 को हुई स्थापना
बता दें कि कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा और खेल जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में असाधारण और उल्लेखनीय राष्ट्र सेवा करने वालों को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान दिया जाता है. इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा की गई थी. पहला भारत रत्न सम्मान चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को प्रदान किया गया. शुरू में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का चलन नहीं था, लेकिन एक साल बाद इस प्रावधान को जोड़ा गया. इसी तरह खेलों के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि हासिल करने वालों को भारत रत्न से सम्मानित करने का प्रावधान भी बाद में शामिल किया गया.