नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आरएसएस के कार्यक्रम में जाने को लेकर विवाद हो रहा है. सवाल उठ रहे हैं कि पूरी जिंदगी आरएसएस की आलोचना करने वाले प्रणब मुखर्जी को कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर क्यों जा रहे हैं. बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने प्रणब मुखर्जी के नागपुर जाने का बचाव किया है. गडकरी ने कहा कि आरएसए को कोई पाकिस्तानी संगठन नहीं है. कांग्रेस ने फिलहाल इस कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है.


क्या बोले नितिन गडकरी?
नितिन गडकरी ने कहा, ''प्रणब मुखर्जी अगर कार्यक्रम में आते हैं तो ये अच्छी बात है. संघ कोई आईएसआई का पाकिस्तानी संगठन है क्या? संघ राष्ट्रभक्तों की संस्था है. ये एक अच्छी शुरुआत है, सभी को इसका स्वागत करना चाहिए.''


नितिन गडकरी ने कहा, ''आरएसएस के कार्यक्रम में किसे जाना है और किसे बुलाना है. ये जाने वालों और बुलाने वालों का अधिकार है. मैं मानता हूं कि राजनीति छुआछूत अच्छी बात नहीं हैं. हमें एक दूसरे से मिलना चाहिए, बातचीत करनी चाहिए और एक दूसरे के विचारों का सम्मान करना चाहिए. राजनीतिक छुआछूत की बात करने वाले दूसरे को कम्यूनल कहत हैं लेकिन खुद कम्यूनल हैं.''


RSS को खतरनाक बताते थे प्रणब दा, क्या RSS सहमत है?- संदीप दीक्षित
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा, ''हमारे नेता और मंत्री के तौर पर उन्होंने (प्रणब मुखर्जी) कई बार हमसे आरएसएस और बीजेपी के बारे में बात की. प्रणब दादा की मंशा के हिसाब से आरएसएस से ज्यादा घटिया और गंदी संस्था कोई हिंदुस्तान में नहीं है. प्रणब दा ने आएसएस के झूठ तंत्र के बारे में बताया उसे सांप्रदायिक बताया.''


संदीप दीक्षित ने कहा, ''उन्होंने (प्रणब मुखर्जी) कभी आरएसएस से ज्यादा खतरनाक संस्था इस देश के लिए नहीं बताई. उनका मत था कि इसे उठाकर हिंदुस्तान के बाहर कूड़े में फेंक देना चाहिए. ऐसे व्यक्ति को आरएसएस ने बुलाया है तो क्या आरएसएस उनके विचारों को मानने लगी है? वो पूर्व राष्ट्रपति रह हैं हो सकता है वो बताना चाहते हैं कि वो आरएसएस के बारे में क्या सोचते हैं. हमें भी इस बात का इंतजार है कि जो व्यक्ति इस तरह के विचार रखता था वो उनके सम्मेलन में जाकर क्या कहेगा.''


आरएसएस के किस कार्यक्रम में जा रहे हैं प्रणब मुखर्जी?
प्रणब मुखर्जी आरएसएस के त्रितिया शिक्षा वर्ग कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर जा रहे हैं. त्रितिया शिक्षा वर्ग संघ के प्रचारक बनाने की प्रक्रिया का सबसे उच्च ट्रेनिंग प्रोग्राम है. संघ प्रचारक बनना है तो त्रितिया शिक्षा वर्ग में प्रशिक्षण लेना ही पड़ता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी त्रितिया शिक्षा वर्ग में हिस्सा लिया था. इस कार्यक्रम का ध्येय वाक्य 'मै संघ हूं, संघ मेरा है' है.


प्रणब मुखर्जी के पॉलीटिकल करियर पर एक नजर
प्रणब मुखर्जी इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, मनमोहन सिंह की सरकार में सत्ता के शिखर पर रहे हैं. उन्होंने वित्त, रक्षा, विदेश मंत्रालय जैसे कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली है. हालांकि वह कुछ सालों तक कांग्रेस से नाराज भी रहे और उन्होंने अलग पार्टी बनाई और फिर वह कांग्रेस में वापस लौट गए.


इंदिरा गांधी की हत्या के बाद से ही वो पीएम की रेस में थे. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद वो प्रधानमंत्री की रेस में आगे रहे. 2004 लोकसभा चुनाव में जब कांग्रेस ने जीत हासिल की तो ऐसी चर्चा होने लगी थी कांग्रेस प्रणब मुखर्जी को प्रधानमंत्री बनाएगी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. वह 2012 में कांग्रेस के समर्थन से राष्ट्रपति बने.